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जेपी नड्डा का इंदौर दौरा BJP को पड़ा महंगा, निगम ने ठोका जुर्माना

इसके चलते इंदौर नगर निगम ने बीजेपी के शहर अध्यक्ष को 13 लाख 46 हजार रुपये की वसूली का नोटिस भेज दिया है.

Updated on: 25 Dec 2019, 01:28 PM

New Delhi:

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के एक नियम के अंतर्गत बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के स्वागत में होर्डिंग और बैनर लगाना पार्टी को महंगा पड़ गया है. इसके चलते इंदौर नगर निगम ने बीजेपी के शहर अध्यक्ष को 13 लाख 46 हजार रुपये की वसूली का नोटिस भेज दिया है. दरअसल, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा रविवार को इंदौर में थे. वह यहां नागरिकता संशोधन कानून पर समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद के लिए आए थे. उनके स्वागत में बीजेपी ने बड़ी संख्या में पोस्टर और बैनर लगाए. इस पर नगर निगम ने बीजेपी के शहर अध्यक्ष को नोटिस जारी किया.

बता दें कि राज्य की सड़कों पर नेताओं के समर्थकों के स्वागत में बैनर पोस्टर लगाने पर रोक है. इसके लिए राज्य सरकार ने एक नीति बनाकर नगर निगम की अनुमति को आवश्यक कर दिया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनावश्यक बैनर पोस्टर लगने पर शहरों की सुंदरता प्रभावित होने की बात कहते हुए नगर प्रशासन को निदेर्श दिए थे कि जो भी पोस्टर-बैनर लगाए जाते है, उन्हें हटाया जाएं, भले ही उसमें उनकी (कमलनाथ) तस्वीर ही क्यों न हों.

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नगर निगम की ओर से रविवार देर रात बीजेपी के शहर अध्यक्ष को साढ़े 13 लाख रुपये का वसूली नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि “शहर के विभिन्न स्थानों पर 22 दिसंबर को बगैर अनुमति के आपके द्वारा (बीजेपी) बैनर-पोस्टर लगाए गए, यह शासन की नीति के खिलाफ है. इस पर 10 लाख 35 हजार रुपये का दंड अधिरोपित किया जाता है. इस पर 1,86,300 रुपए जीएसटी (GST) और बैनर-पोस्टर को हटाने में निगम को कुल 1,25,000 रुपये का व्यय हुआ. इस तरह कुल राशि 13,46,300 रुपये निगम के कोषालय में जमा कराएं.”

नोटिस में कहा गया है कि शहर में लगाए गए होर्डिंग बैनर को हटाने में निगम के 130 कर्मचारियों, नौ ट्रकों और 10 जीपों को लगाना पड़ा. इस अमले और वाहनों पर 1,25,000 रुपये का व्यय आया है.

निगम के नोटिस के संदर्भ में बीजेपी के नगर अध्यक्ष गोपी कृष्ण नेमा ने संवाददाताओं से कहा, “अभी उनको नोटिस नहीं मिला है, जब नोटिस मिलेगा तब कोई निर्णय लिया जाएगा.” ज्ञात हो कि इंदौर में ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट के जन्मदिन के मौके पर उनके समर्थकों ने पोस्टर बैनर लगाए थे, जिसे हटाने की कार्रवाई नगर निगम के अमले ने की थी. इस कार्रवाई के दौरान निगम कर्मचारियों और सिलावट समर्थकों के बीच मारपीट की स्थिति बन गई थी.