मध्यप्रदेश में जनता की समस्याओं के निपटारे के लिए राज्य सरकार ने गुरुवार से नए अभियान की शुरुआत की है. 'आपकी सरकार-आपके द्वार' नाम से शुरू किए गए कार्यक्रम से सरकार ने जनता के घर पर पहुंचकर समस्याओं को निपटाने का अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान के तहत जनप्रतिनिधि और अफसर माह में दो दिन गांवों में पहुंचेंगे. राज्य सरकार ने गांव के लोगों की समस्या गांव में ही निपटाने के मकसद से 'आपकी सरकार, आपके-द्वार' अभियान का सिलसिला शुरू किया है. अभियान के पहले दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी में कई लोगों से बातचीत की. साथ ही अपने पुत्र और छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ के ट्वीट को री-ट्वीट किया, जिसमें कहा गया है कि स्वíणम मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते कदम, आपकी सरकार आपके द्वार की पूरे मध्यप्रदेश में शुरुआत, प्रदेश सरकार जनता के द्वारा, जनता के लिए और जनता की सरकार है.
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राज्य सरकार द्वारा तय किए गए रोडमैप के अनुसार, अभियान के पहले दिन गुरुवार को मंत्री, विधायक, कलेक्टर और विभिन्न विभागों के अधिकारी जिले के एक गांव में पहुंचे और लोगों की समस्याएं सुनीं, उसके बाद उन्होंने कई सरकारी संस्थाओं का निरीक्षण किया. इस मौके पर जिले के एक विकासखंड के एक गांव में लगे जन समस्या निवारण शिविर में ग्रामीणों की समस्याओं को सुनकर उनके निराकरण के प्रयास किए गए. सरकार का मानना है कि प्रदेश की लगभग 70 फीसदी आबादी अब भी गांवों में रहती है और उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जिले में आना पड़ता है. इससे न केवल समय एवं धन की बर्बादी होती है, बल्कि परेशानी भी होती है. ग्रामीणों की समस्याओं का गांव में ही निराकरण, उनकी रोजमर्रा की जरूरतों और विकास संबंधी मांगों की पूर्ति के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया है.
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सरकार ने तय किया है कि 'आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह में कलेक्टर जिले के कम से कम दो गांवों का दौरा करेंगे. इसके साथ शिविर आयोजित कर उनमें मंत्रियों, विधायकों तथा जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित करेंगे. प्रत्येक मंत्री, विधायक एक माह में कम से कम दो विकास खंडों पर लगने वाले ऐसे शिविरों में शामिल होंगे. इस अभियान के तहत तय किया गया है कि इन शिविरों में जो आवेदक अपनी समस्याओं को लेकर आएंगे, उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाएगा. यदि किसी समस्या का तत्काल निराकरण नहीं किया जा सकता हो, तो निराकरण के संबंध में संबंधित विभाग को दिशा निर्देश दिए जाएंगे तथा इसकी सूचना संबंधित आवेदक को भी दी जाएगी. शिविरों के आयोजन से पहले आयोजन की सूचना मुनादी तथा अन्य तरीकों से ग्रामवासियों को दी जाएगी. शिविरों की तिथियों का निर्धारण हाट-बाजारों को दृष्टि में रखकर किया जाएगा.
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