मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के मंत्रिमंडल में पांच धार्मिक नेताओं बाबा नर्मदानंद, बाबा हरिहरनंद, कंप्यूटर बाबा, भाईयु महाराज और पंडित योगेन्दा महंत को राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में शामिल किया है।
बता दें कि शिवराज सरकार ने यह फैसला इन पांच सांधुओं की ओर से पिछले दिनों ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने की बात कहने के बाद लिया।
सरकार के इस फैसले के बाद ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ में शामिल होने वाले दो साधुओं ने रथ यात्रा रद्द कर दी है।
वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि से ढोंग करके शिवराज सिंह चौहान अपने पापों को धोने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की कोशिश नाकाम होने वाली है।
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वहीं बीजेपी नेता प्रभात झा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर संतों को मंत्री का दर्जा नहीं दिया जाएगा तो क्या डकैतों को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।
इसके साथ ही मंगलवार को राज्य सरकार ने नर्मदा नदी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है।
इससे पहले 31 मार्च को, इन पांच नेताओं को नर्मदा नदी के पास जल संरक्षण, स्वच्छता और वनों की कटाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बनाई गई एक विशेष समिति के सदस्यों के रूप में नियुक्त किया था।
यह समिति लोगों को जागरुक करने के लिए अभियान चलाएगी।
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Source : News Nation Bureau