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एमपी : सिंगरौली में मानवता शर्मसार, पिता ने खटोली पर ढोया बेटी का शव

सिंगरौली जिले में आत्महत्या करने वाली बेटी के शव को ले जाने के लिए जब वाहन नहीं मिला तो पिता ने शव को खटोली में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए 25 किलोमीटर का रास्ता तय किया.

Updated on: 10 May 2021, 10:17 AM

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश में कोरोना काल में मन को व्यथित करने वाली तस्वीर सामने आई है, जो मानवता को शर्मसार करने वाली है. सिंगरौली जिले में आत्महत्या करने वाली बेटी के शव को ले जाने के लिए जब वाहन नहीं मिला तो पिता ने शव को खटोली में बांधकर पोस्टमार्टम के लिए 25 किलोमीटर का रास्ता तय किया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, मगर आधिकारिक तौर पर कोई भी इस पर बात करने को तैयार नहीं है. मामला सिंगरौली जिले के आदिवासी क्षेत्र सरई के गड़ई गांव का है. यहां के निवासी धीरूपति की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

इस मामले में छह मई को निवास पुलिस चौकी के पुलिस दल ने विवेचना के बाद पोस्टमार्टम कराने के लिए शव को निवास अस्पताल ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था करने को कहा.  परिजनों ने घटना की सूचना निवास पुलिस चौकी में दी, लेकिन पुलिस प्रशासन से सहयोग नहीं मिला. ऐसा परिजनों का दावा है.

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बताया गया है कि जब धीरूपति को वाहन नहीं मिला तो उसने खटोली को उल्टा कर शव को बीच में रखा और चारों पावों में रस्सी बांधकर एक बल्ली के सहारे 25 किलोमीटर दूर निवास अस्पताल चल दिया. इस खटोली की बल्ली का एक छोर परिवार का दूसरा सदस्य पकड़े था. निवास अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ और शव वाहन न मिलने के बाद दोबारा बेटी का शव लेकर 25 किलोमीटर गांव आया और अंतिम संस्कार किया.

मृतका के पिता ने कहा, 'करें तो क्या करें पुलिस ने सहयोग नहीं किया. शव वाहन बुलाने पर भी नहीं आया. अब इस सिस्टम से कितनी देर तक गुहार लगाते इसलिए मजबूरी में पोस्टमार्टम जैसे औपचारिकता पूरी करने के लिए शव को किसी तरह लेकर आ गए.'

परिजनों के आरोप पर सिंगरौली पुलिस ने सफाई दी है. पुलिस ने कहा है कि परिजनों को पुलिस की तरफ से वाहन उपलब्ध करवाया गया था. सिंगरौली एएसपी अनिल सोनकर ने कहा कि मृतका का गांव गौरापनी से घटना स्थल चार किलोमीटर दूर है. वहां जाने के लिए सड़क नहीं है. इतनी दूर तक ही ये लोग खटोले पर शव लेकर गए थे.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो की आईएएनएस पुष्टि नहीं करता है. इस मामले को लेकर कई अधिकारियों से संपर्क किया गया, मगर कोई बात करने को तैयार नहीं हुआ.