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मध्य प्रदेश : हर किसान का होगा फसल बीमा : कृषि मंत्री कमल पटेल

इसी क्रम में सरकार ने राज्य के सभी किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने का मन बना लिया है. इस आशय का फैसला जल्दी होने वाला है.

Updated on: 08 May 2020, 03:14 PM

Bhopal:

मध्यप्रदेश में लगभग 15 माह बाद फिर सत्ता में लौटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार किसानों के हित में कई फैसले ले रही है. इसी क्रम में सरकार ने राज्य के सभी किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने का मन बना लिया है. इस आशय का फैसला जल्दी होने वाला है.

राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से खास बातचीत में कहा, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसान के बेटे हैं और किसान का दर्द भी बेहतर तरीके से जानते हैं. इसीलिए किसानों के हित में सरकार लगातार फैसले ले रही है. प्रदेश के हर किसान का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराया जाएगा, यह निर्णय राज्य सरकार जल्दी ही करने वाली है."

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कमल पटेल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा, "कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार वास्तव में उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखने वाली सरकार थी और यही कारण रहा कि उस सरकार ने किसानों पर ध्यान ही नहीं दिया. बीते 15 सालों में भाजपा की सरकार ने किसानों के लिए जो कुछ किया था, उसे मटियामेट करने का काम ही कमलनाथ सरकार ने किया."

उन्होंने कहा, "एक बार फिर भाजपा की सरकार सत्ता में लौटी है और वह किसानों के हित में फैसले ले रही है. जब राज्य का किसान समृद्घ और खुशहाल होगा, तभी तो राज्य में खुशहाली और समृद्घि आएगी, ऐसा मानना है शिवराज सरकार और भाजपा का. इसीलिए किसानों की समृद्घि और खुशहाली के लिए फैसले लिए जा रहे हैं."

राज्य की स्थिति पर गौर करें तो साढ़े सात करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में लगभग 65 लाख किसान हैं और इनमें से बीमा 36 लाख किसानों का होता रहा है. वर्तमान में फसल बीमा योजना का प्रीमियम 12 प्रतिशत है जिसमें किसान को लगभग दो प्रतिशत राशि देना पड़ती है, वहीं शेष राज्य और केंद्र सरकार का अंश होता है. इसमें किसानों का दायरा अर्थात संख्या बढ़ने से प्रीमियम कम होने की संभावना है.

राज्य में किसानों की फसल बीमा योजना में संख्या बढ़ने से होने वाले लाभ का जिक्र करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि किसानों की संख्या या बीमा का दायरा बढ़ता है तो प्रीमियम कम हो जाता है. हर किसान का अगर बीमा हो जाएगा तो बीमाधारी किसानों की संख्या बढ़ जाएगी. ऐसा होने पर प्रीमियम की राशि 12 प्रतिशत से घटकर आठ या 10 प्रतिशत पर आ जाएगी, जिससे किसानों का भार कम हो जाएगा. इसीलिए राज्य सरकार बीमा का दायरा बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाते हुए कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसानों के बीमा की प्रीमियम राशि तक को जमा नहीं किया था, जिसके चलते किसानों को उनकी बीमा राशि का भुगतान नहीं हो पाया. शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनते ही बीमा की प्रीमियम राशि को जमा किया गया और लगभग 15 लाख किसानों को 2,990 करोड़ की बीमा का भुगतान किया गया है.

वर्तमान में फसल की खरीद का दौर जारी है और कोरोना का संक्रमण बना हुआ है. कृषि मंत्री का कहना है कि किसानों को बेवजह परेशान न होना पड़े, इसके लिए एसएमएस के जरिए उन तक संदेश पहुंचाए जा रहे है, मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग सहित सारे प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है. किसानों से फसल की खरीद हो रही है.

कमल पटेल शिवराज के मंत्रिमंडल में पहले भी मंत्री रह चुके है. उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के काल में राजस्व मंत्री रहते हुए कई नवाचार किए थे. अब वह कृषि जगत के साथ ग्रामीण क्षेत्र में बड़े बदलाव की कार्ययोजनाओं पर काम कर रहे हैं.