चुनाव आयोग ने एक लाख अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगाई रोक

इसके चलते मध्य प्रदेश में अगले दो महीने तक एक लाख अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक रहेगी.

इसके चलते मध्य प्रदेश में अगले दो महीने तक एक लाख अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक रहेगी.

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yogesh bhadauriya
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चुनाव आयोग ने एक लाख अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगाई रोक

मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने लिया फैसला( Photo Credit : News State)

मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि वोटर लिस्ट के समरी रिवीजन के काम में लगे अफसरों के ट्रांसफर न किए जाएं. इसके चलते मध्य प्रदेश में अगले दो महीने तक एक लाख अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक रहेगी. कहा गया है कि यदि जरूरत हो तो इसकी आयोग से परमिशन ली जाए. दरअसल, प्रदेश में 16 दिसंबर से वोटर लिस्ट के समरी रिवीजन का काम शुरू हो रहा है, जो अगले साल 7 फरवरी तक चलेगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि वोटर लिस्ट के समरी रिवीजन के चलते यह निर्देश जारी किए गए हैं.

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प्रदेश में चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के समरी रिवीजन के लिए 65 हजार बीएलओ की ड्यूटी लगाई है. वहीं, इस काम में 50 कलेक्टर, 250 एसडीएम और लगभग 1 हजार तहसीलदार और नायब तहसीलदार तैनात रहेंगे. साथ ही इन अफसरों के अधीनस्थ स्टाफ भी रहेगा जो इस काम में लगेगा. इन सभी की चुनाव आयोग के अधीन ड्यूटी रहेगी. सरकार को इनमें से किसी अफसर का ट्रांसफर करना है तो उसकी आयोग से इजाजत लेनी पड़ेगी.

बतादें 1 जनवरी 2020 की स्थिति में 18 साल के होने वाले युवाओं के वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने हैं. एक अनुमान के हिसाब से हर साल वोटर लिस्ट के समरी रिवीजन के दौरान 2 प्रतिशत नए वोटर बढ़ते हैं जिनकी संख्या करीब 8 से 10 हजार के आसपास होती है. चुनाव आयोग ने बीएलओ से घर-घर जाकर वोटर लिस्ट के सत्यापन का काम करने को कहा है, जिससे वोटर लिस्ट में जो भी ऋुटियां हैं, उन्हें खत्म किया जा सके. इसी के चलते आयोग ने निर्देश जारी किए हैं.

Source : News Nation Bureau

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