मध्य प्रदेशः शिवराज को किसानों के आक्रोश के चलते रद्द करनी पड़ी सभा : कांग्रेस

डुमरा गांव के किसान इतने गुस्से में थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान होने वाली सभा को ही रद्द करना पड़ा।

डुमरा गांव के किसान इतने गुस्से में थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान होने वाली सभा को ही रद्द करना पड़ा।

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desh deepak
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मध्य प्रदेशः शिवराज को किसानों के आक्रोश के चलते रद्द करनी पड़ी सभा : कांग्रेस

सीएम शिवराज सिंह (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम डुमरा के किसान मंगल सिह यादव की आमरण अनशन के दौरान हुई कथित मौत के मामले में कांग्रेस के दो विधायकों के जांच प्रतिवेदन के आधार पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि डुमरा गांव के किसान इतने गुस्से में थे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान होने वाली सभा को ही रद्द करना पड़ा।

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नेता प्रतिपक्ष सिंह ने रविवार को पार्टी के दो विधायकों विक्रम सिंह उर्फ नाती राजा और चंदा सिंह गौर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर एक बयान जारी कर कहा है कि किसान मंगल सिंह को मुआवजा न मिलने, अनशन पर बैठने, जिला प्रशासन द्वारा समुचित इलाज उपलब्ध न कराने और परिवार के पास इलाज के पैसे न होने के कारण मौत हुई।

उन्होंने कहा कि मौत के बाद पोस्टमार्टम करवाने के लिए लगभग दस घंटे डुमरा तिराहे पर शव रखकर ग्रामीणों ने चक्का जाम किया, लेकिन न तो जिला प्रशासन पहुंचा और न ही पोस्टमार्टम करवाया गया, प्रशासन नहीं चाहता था कि मौत के असली कारणों का खुलासा हो सके। मंगल सिह यादव और ग्राम डुमरा के किसानों को एक साल पहले की सूखा राहत राशि नहीं मिली है। ग्रामीणों का आक्रोश देखकर मुख्यमंत्री ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान डुमरा में अपनी सभा रद्द कर दी।

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि किसान मंगल सिह यादव की मौत शिवराज सरकार के तंत्र की विफलता, असहिष्णुता और असंवेदनशीलता के साथ ही मुआवजा राशि न मिलने के कारण हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान से मांग की है कि मंगल सिह यादव के परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को तत्काल नौकरी दें और मौत की जिम्मेदारी किसान पुत्र मुख्यमंत्री लें और अपने पद से इस्तीफा दें।

सिह ने मुख्यमंत्री से सवाल किए हैं कि किसान मंगल यादव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं करवाया गया। जब मंगल यादव गंभीर रूप से बीमार था। छतरपुर के चिकित्सक ने अपने पर्चे में दिमाग की नस फट जाना बताया और किसान को ग्वालियर के गजराजा मेडिकल अस्पताल रेफर किया तो अस्पताल ने मंगल यादव को डिस्चार्ज कर परिजनों को घर ले जाने की अनुमति क्यों दी।

सिंह का सवाल है कि जब परिजनों ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं हैं तो जिला प्रशासन ने उसके इलाज की व्यवस्था क्यों नहीं की। 17 जुलाई को गांव वालों और मंगल यादव के परिजनों ने जिलाधिकारी की जन सुनवाई में एक ज्ञापन देकर अस्पताल में भर्ती मंगल यादव की हालत खराब होने और बेहोश रहने की सूचना दी, तो जिलाधिकारी ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की। मुख्यमंत्री इसी दौरान 25 जुलाई को जब राजनगर जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान गए तो ग्राम डुमरा में प्रस्तावित सभा का स्थान क्यों बदला गया।

विधायक कुंवर विक्रम सिह, विधायक राजनगर एवं चंदा सुरेन्द्र गौर ने अपनी रिपोर्ट के निष्कर्ष में बताया कि ग्राम डुमरा के लगभग 200 से 250 किसान व ग्रामीण मौके पर मिले और उन सभी ने बताया कि किसान मंगलसिह की मृत्यु सूखा राहत राशि प्राप्त नहीं होने के तनाव, प्रशासन की घोर लापरवाही की वजह से हुई। आज तक भी मंगलसिह के परिजनों तथा ग्राम डुमरा के अन्य किसानों को सूखा राहत राशि दिए जाने के संबंध में शासन द्वारा किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की जा रही है।

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Source : IANS

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