logo-image

मध्य प्रदेश: गृह मंत्री बाला बच्चन बोले- कांग्रेस के बंधक विधायक ले सकते हैं CRPF की सुरक्षा, क्योंकि...

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने रविवार को कहा कि बेंगलुरू में भाजपा द्वारा कथित तौर पर बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों को अगर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा चाहिए तो मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) को को

Updated on: 15 Mar 2020, 09:34 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने रविवार को कहा कि बेंगलुरू में भाजपा द्वारा कथित तौर पर बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों को अगर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की सुरक्षा चाहिए तो मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) को कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि हालांकि, मध्यप्रदेश पुलिस उन्हें सुरक्षा देने से पूरी तरह सक्षम है.

यह भी पढ़ेंःमध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार को बचाएगा कोरोना वायरस!, यहां जानें पूरा समीकरण

बाला बच्चन ने भोपाल में एक बयान जारी कर कहा कि बार-बार मीडिया के माध्यम से यह बात सामने आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा बेंगलुरू में बंधक बनाए गए कांग्रेस विधायकों द्वारा सीआरपीएफ की सुरक्षा मिलने पर ही भोपाल आने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस सुरक्षा देने में पूरी तरह सक्षम है. फिर भी अगर बंधक बनाए गए विधायकों को यह महसूस होता है कि और मजबूत सुरक्षा चाहिए तो वे सीआरपीएफ की सुरक्षा ले सकते हैं.

मध्य प्रदेश में 22 विधायकों ने दिया इस्तीफा

मालूम हो कि कांग्रेस द्वारा उपेक्षा किए जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए. उनके साथ ही मध्य प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से छह मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद उनके विधायक पद से इस्तीफा भी मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिए हैं. बाकी बचे हुए 16 विधायकों के अब तक इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं.

यह भी पढ़ेंःजम्मू-कश्मीर में नजरबंद नेताओं को जल्द मिलेगी रिहाई, अमित शाह ने कही ये बात

बागी हुए इन विधायकों में से अधिकांश सिंधिया के समर्थक हैं और इनमें से 19 बेंगलुरू में एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.