मध्य प्रदेश के चर्चित धार्मिक नेता कंप्युटर बाबा (स्वामी नामदेव त्यागी) ने शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने इसी साल अप्रैल में राज्य के मंत्रिमंडल में कंप्यूटर बाबा समेत 5 धार्मिक नेताओं को राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में शामिल किया था। कंप्युटर बाबा ने कैबिनेट छोड़ने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि उन्होंने गायों की स्थिति और नर्मदा नदी में चल रहे अवैध खनन की स्थिति जैसे मुद्दों पर उनके प्रस्तावों को नहीं माना था।
कंप्युटर बाबा ने कहा, 'मैंने गायों और नर्मदा नदी में अवैध खनन की स्थिति को लेकर बातचीत की थी लेकिन मुझे इस पर कुछ भी नहीं करने को दिया गया। मैं साधुओं के विचार को सरकार के सामने नहीं रख सका और इसलिए मैं सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहता हूं।'
स्वामी नामदेव त्यागी ने शिवराज सिंह चौहान पर धर्म के विचार के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'हमारी एक व्यवस्था है जहां सभी साधु बैठकर चीजों पर निर्णय लेते हैं। उन्होंने (साधुओं) ने कहा कि मैं शिवराज सरकार से कुछ भी करवाने में असफल रहा, मेरा मानना है वे सही हैं। मुझे भी लगा कि शिवराज धर्म के खिलाफ हैं और वह हमारे धर्म के लिए कुछ भी नहीं करना चाहते हैं। इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया।'
इस्तीफा देने से पहले कंप्युटर बाबा ने नर्मदा नदी पर समर्पित एक विशेष मंत्रालय गठित करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'नर्मदा नदी सही हालत में नहीं है इसलिए इसको लेकर एक मंत्रालय की जरूरत है। कई और मंत्रालय गठित करने की जरूरत है। अगर कोई गायों के लिए देखरेख चाहता है तो नर्मदा के लिेए ऐसा होना चाहिए। मुख्यमंत्री को सही लगता है वे करेंगे।'
बता दें कि शिवराज सरकार ने पांच सांधुओं की ओर से 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने की घोषणा के बाद उन्हें राज्यमंत्री बना दिया था। राज्य के मंत्रिमंडल में पांच धार्मिक नेताओं बाबा नर्मदानंद, बाबा हरिहरनंद, कंप्यूटर बाबा, भाईयु महाराज और पंडित योगेन्दा महंत को राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में शामिल किया था।
और पढ़ें : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस संगठन ने बीजेपी कांग्रेस की बढ़ाई परेशानी
बाबाओं के द्वारा 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' नर्मदा में हो रहे अवैध उत्खनन, पर्यावरण संरक्षण और गोसंरक्षण जैसे मुद्दों पर होने जा रही थी। जिससे प्रदेश के 45 जिलों में जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार करने वाले थे। यह यात्रा 1 अप्रैल से शुरू होने वाली थी। लेकिन 4 अप्रैल को सरकार ने इन्हें राज्य मंत्री बनाया था।
Source : News Nation Bureau