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मध्य प्रदेश को नए साल में ठंड से नहीं राहत, जानिए ओलावृष्टि को लेकर क्या कहा मौसम विभाग ने

इधर, मंगलवार को भी बर्फीली हवाओं की वजह से प्रदेश ठिठुरता रहा. सबसे कम तापमान ग्वालियर और दतिया में 2.2 डिग्री दर्ज किया गया.

Updated on: 31 Dec 2019, 01:58 PM

Bhopal:

मध्य प्रदेश में शीत लहर से लोगों का घरों से बाहर निकला अपने आप में चैलेंज बन गया है. वहीं नए साल के जश्न में व्यस्त लोगों को आगाह करते हुए मौसम विभाग ने 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक सूबे में हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना व्यक्त की है. इधर, मंगलवार को भी बर्फीली हवाओं की वजह से प्रदेश ठिठुरता रहा. सबसे कम तापमान ग्वालियर और दतिया में 2.2 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं उत्तरी मप्र में कई जगह घना कोहरा छाया रहा, इसका असर यातायात सेवाओं पर भी पड़ा. मौसम विभाग ने मंगलवार को 12 जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई है. बादलों के कारण न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन दिन में भी कड़ाके की सर्दी पड़ने के आसार हैं.

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मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पश्चिमी हिमालय से बर्फीली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के लगातार प्रवाह के कारण प्रदेश में तापमान नीचे जा रहा है. उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हुआ है. पश्चिमी विक्षोभ और निचले तल की पूर्वी हवाओं के कटाव की वजह से मप्र में आगामी तीन-चार दिन तक प्रदेश में गरज चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई है.

मंगलवार को भोपाल, इंदौर, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, देवास, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन, सागर, दमोह, बैतूल, हरदा और होशंगाबाद जिलों में कहीं-कहीं बारिश की संभावना है. साथ ही मंगलवार को सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, भोपाल संभागों में शीत लहर की संभावना है. सागर, रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में घने कोहरे से दृश्यता भी कम रहेगी.