मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छात्रा के खड़े होकर परीक्षा देने के मामले में दिये जांच के आदेश

यह सरकार की नीतियों के भी विरुद्ध है, बेटियों को पढ़ाने के लिए सरकार निरंतर अभियान चला रही है.

यह सरकार की नीतियों के भी विरुद्ध है, बेटियों को पढ़ाने के लिए सरकार निरंतर अभियान चला रही है.

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Akanksha Tiwari
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मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छात्रा के खड़े होकर परीक्षा देने के मामले में दिये जांच के आदेश

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के शाहजनाबाद स्थित सरस्वती को-एड हायर सेकेंडरी स्कूल में आज एक 9वी कक्षा की छात्रा को फीस नहीं भर पाने के कारण स्कूल प्रबंधन द्वारा खड़े होकर परीक्षा देने का मामला सामने आया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamalnath) में इसे बेहद असंवेदनशील , मानवीय मूल्यों के खिलाफ व गंभीर मामला मानते हुए तत्काल अधिकारियों को पूरे मामले की जांच करने को कहा. पीड़ित छात्रा से चर्चा कर इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं. फीस नहीं भर पाने के कारण छात्रा को खड़े रहकर परीक्षा देने की सजा का मामला सही पाए जाने पर उन्होने दोषी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिये.

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शासन के सभी अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को पूर्व से ही निर्देश है कि किसी भी बच्चे को फीस न भर पाने के कारण ना स्कूल आने से रोका जाये, ना उसे किसी प्रकार की मानसिक प्रताड़ना दी जाये और ना ही उसे परीक्षा से वंचित किया जाये. इस संबंध में स्कूल प्रबंधन को चर्चा के लिए भी पृथक से बच्चों के माता-पिता से चर्चा का नियम है. यदि यह मामला सही पाया जाता है तो स्कूल प्रबंधन ने नियमों का उल्लंघन तो किया ही है. साथ ही छात्रा की भावनाओं से खिलवाड़ कर उसे मानसिक प्रताड़ना भी दी है. यह सरकार की नीतियों के भी विरुद्ध है, बेटियों को पढ़ाने के लिए सरकार निरंतर अभियान चला रही है.

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उन्होंने कहा कि 'बेटी पड़ेगी तभी आगे बढ़ेगी' यह हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है. हम इसे अभियान के रूप में ले रहे हैं. बेटियों को पढ़ने के प्रोत्साहन के लिये विभिन्न योजनाएं सरकार ने चला रखी है. ऐसे में ऐसी घटनाएं इन अभियानों को भी ठेंगा दिखाती है. किसी भी बच्चे को फीस के अभाव में पढ़ाई से व किसी गरीब को पैसे के अभाव में इलाज से वंचित नहीं रखा जा सकता है.

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मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोषी पाए जाने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि बच्चे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए वर्षभर पढ़ाई करते हैं और उन्हें परीक्षा का इंतजार रहता है. कड़ी परिश्रम और लगन से परीक्षा को लेकर तैयारियां करते हैं, ऐसे में उनको परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की मानसिक प्रताड़ना मानवीय मूल्यों के भी खिलाफ है व नियमों के विरुद्ध है. यह हमारी सरकार की मंशा के भी विपरीत है. मैंने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और ऐसा कृत्य करने वालों को मैं कतई माफ नहीं कर सकता. ऐसे स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई अन्य स्कूल इस तरह का कृत्य ना कर सके.

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Source : News Nation Bureau

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