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मध्य प्रदेश उपचुनाव से पहले BJP नेताओं में नाराजगी की स्थिति, नरोत्तम मिश्रा मनाने में जुटे

पार्टी के पास नेताओं की नाराजगी की रिपोर्ट पहुंच रही है और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने की बात भी सामने आ रही है. इन सभी कार्यकर्ता और नेताओं को कैसे भरोसा में लिया जाए इसकी पहल नरोत्तम मिश्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी सिलसिले में नरोत्तम मिश्रा

Updated on: 08 Jun 2020, 05:34 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में उपचुनाव (MP ByPolls) की तारीख का अबतक कोई ऐलान नहीं हुआ लेकिन यहां की राजनीति अभी से दिलचस्प हो रही है. उपचुनाव से पहले बीजेपी को अपने ही नेताओं की नाराजगी का डर सता रहा है. लेकिन इस डर को कम करने के लिए प्रदेश सरकार के ग्रह और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा जुट गए हैं. ग्वालियर चंबल अंचल की सियासत में जरूर कुछ ऐसा चल रहा है जिस का डर बीजेपी को सता रहा है.

पार्टी के पास नेताओं की नाराजगी की रिपोर्ट पहुंच रही है और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरने की बात भी सामने आ रही है. इन सभी कार्यकर्ता और नेताओं को कैसे भरोसा में लिया जाए इसकी पहल नरोत्तम मिश्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी सिलसिले में नरोत्तम मिश्रा रविवार को ग्वालियर में प्रदेश सरकार के 4 पूर्व मंत्रियों से उनके घर जाकर मिले.

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उन्होंने जयभान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा, माया सिंह, नारायण सिंह कुशवाह और क्षेत्रीय सांसद विवेक शेजवलकर से बंद कमरे में मुलाकात की लेकिन बात क्या हुई इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया . इस दौरान जयभान सिंह पवैया ने अपने कुछ इरादे भी जाहिर कर दिए हैं.

कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने बीजेपी के नेताओं की सीटों पर कब्जा जमा लिया हैं. इसी वजह से बीजेपी में अंदर ही अंदर कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बात सामने आ रही है.  सुगबुगाहट इस बात की भी है की चुनाव में पूरा समर्थन नहीं मिलेगा इसीलिए बीजेपी अब इन नेताओं को मनाने का काम कर रही है.

बीजेपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया ने इसके संकेत भी दे दिए हैं. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना कहा कि बीजेपी के मूल कार्यकर्ता का सम्मान होना चाहिए . प्रशासन उनकी कामों पर ध्यान नहीं दे रहा है कार्यकर्ता परेशान हो रहा है और पूरा अमला बस एक नेता के इशारे पर काम कर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता को यह लगना चाहिए यह शिवराज सिंह चौहान की सरकार है.

वहीं कुछ दिन पहले ही बीजेपी के नेता प्रेमचंद गुड्डू और फिर बालेंगु शुक्ल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं इसलिए पार्टी और भी चिंतित नजर आ रही है. नरोत्तम मिश्रा और अनूप मिश्रा की मुलाकत इसलिए अहम है मानी जा रही है क्योंकि अनूप मिश्रा की इच्छा उपचुनाव में जौरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की है और पार्टी को डर है कि कांग्रेस कहीं अनूपपुर अपनी पार्टी में शामिल करके और ज्यादा खराब न कर दें.

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उपचुनाव में बीजेपी ओर कांग्रेस का फोकस सबसे ज्यादा चंबल पर ही है क्योंकि चंबल की 16 सीटें ही और यही तय करेगी कि मध्य प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की होगी या फिर बीजेपी की. ऐसे में दोनों ही पार्टी उपचुनाव को जीतने के लिए एडी चोटी का जोर अभी से लगाने में लग गए है. लेकिन कांग्रेस इस समय बीजेपी के ही घर में सेंधमारी कर रही है. ऐसे में बीजेपी के आला नेताओं ने चंबल में बीजेपी के डैमेज को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी नरोत्तम मिश्रा को दी है. लेकिन हालात यह बता रहे हैं कि पार्टी भले ही एड़ी चोटी का जोर लगा लें मगर कार्यकर्ताओं के मन में तो कुछ और ही चल रहा है.