Advertisment

एमपी: उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस फूंक-फूंक कर बढ़ा रहे हैं कदम

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव (Bypolls) सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्षी दल कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर करो या मरो को आधार बनाकर लड़े जाने वाले हैं.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
एमपी: उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस फूंक-फूंक कर बढ़ा रहे हैं कदम

Madhya Pradesh BYPolls( Photo Credit : (सांकेतिक चित्र))

Advertisment

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव (Bypolls) सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी  (BJP) और विपक्षी दल कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर करो या मरो को आधार बनाकर लड़े जाने वाले हैं. यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दल फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं.

राज्य में 27 विधानसभा क्षेत्रों में आगामी समय में उपचुनाव होना तय है और इन चुनावों की तारीख का ऐलान भी चुनाव आयोग कभी भी कर सकता है. यही कारण है कि दोनों राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. भाजपा के तो वैसे लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय हैं, वहीं कांग्रेस के उम्मीदवारों का चयन अभी बाकी है.

और पढ़ें: MP Bypolls: एमपी उप-चुनाव में बीजेपी का मुरैना पर खास फोकस

दोनों ही राजनीतिक दलों में असंतोष की आशंकाएं जोर मार रही हैं. इसके चलते पार्टी के प्रमुख नेताओं को नाराजगी जाहिर करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करना होता है.

पार्टियों की स्थिति पर गौर करें तो सतही तौर पर भाजपा में कांग्रेस के मुकाबले असंतोष कहीं ज्यादा नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि 25 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को उन लोगों को उम्मीदवार बनाना पड़ रहा है जो पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं. इस स्थिति ने ही पार्टी में असंतोष के बीज बोए हैं. पार्टी की ओर से संतुलन और समन्वय बनाने के प्रयास जारी हैं और पार्टी ने इसके संकेत भी दिए हैं.

प्रदेश संगठन में संतुलन व समन्वय की नीति के आधार पर पांच महामंत्रियों की नियुक्ति की गई है. वे अलग-अलग क्षेत्रों के साथ अलग-अलग वगोर्ं से भी आते हैं. उनमें पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक बुंदेलखंड से आते हैं, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के करीबी भोपाल के पूर्व जिला अध्यक्ष भगवानदास सबनानी, ग्वालियर-चंबल के रणवीर सिंह रावत, विंध्य क्षेत्र के शरदेंदु तिवारी और मालवा अंचल की कविता पाटीदार को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है.

विधानसभा के उपचुनाव को लेकर दिल्ली में पार्टी ने राज्य के नेताओं की मंगलवार को एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक को चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि इस बैठक में संगठन की समीक्षा, संगठन का काम और उपचुनाव पर चर्चा हुई.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं और उनका कहना है, भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र ही नहीं हर वार्ड में चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है और कार्यकर्ता उसी दिशा में काम भी कर रहा है.

ये भी पढ़ें: मतपत्र से मतदान नहीं हुए तो 2024 का चुनाव अंतिम होगा: दिग्विजय सिंह

दूसरी ओर अगर हम कांग्रेस की स्थिति देखें तो कांग्रेस लगातार उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया से गुजर रही है. सर्वेक्षण कराए जा चुके हैं और उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पार्टी के संभावित उम्मीदवारों की एक सूची सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद हलचल मची हुई है, मगर पार्टी इस सूची को नकार रही है. प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है, उपचुनावों को लेकर कांग्रेस ने प्रत्याशियों की कोई सूची जारी नहीं की है. सोशल मीडिया पर वाइरल सारी सूची फर्जी है. यह भाजपा की साजिश है.

उप-चुनाव को लेकर राजनीतिक विष्लेषकों का मानना है कि उप-चुनाव दोनों ही दलों के लिए काफी अहम है. यही कारण है कि देानों ही दल अपने-अपने तरह से रणनीति बनाने में लगे है, नए-नए मुददों को हवा दी जा रही है. चुनाव जीतना दोनों का लक्ष्य है और इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने से नहीं चूकेंगे.

मध्य प्रदेश एमपी उपचुनाव बीजेपी congress MP Bypolls madhya-pradesh कांग्रेस BJP bypolls उपचुनाव
Advertisment
Advertisment
Advertisment