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मध्य प्रदेश: बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार- दिग्विजय और कमलनाथ नाग हैं, सिंधिया तो शेर हैं...

मध्य प्रदेश में नागपंचमी पर नाग को लेकर जुबानी जंग चल रहा है. कांग्रेस नेता अरुण यादव द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए नागपंचमी की बधाई वाले ट्वीट पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है.

Updated on: 25 Jul 2020, 10:17 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में नागपंचमी पर नाग को लेकर जुबानी जंग चल रहा है. कांग्रेस नेता अरुण यादव द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए नागपंचमी की बधाई वाले ट्वीट पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पहले वो अपनी पार्टी में एकता बना लें. दिग्विजय सिंह नाग हैं, कमलनाथ जी नाग हैं या अरुण यादव जी नाग हैं. वो तो अपनी ही पार्टी को खा रहे हैं.

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तो जनता के लिए और किसानों के लिए एक पार्टी को समर्थन किया है. वो नाग नहीं शेर हैं. नाग तो वो हैं जो डंस डंसकर अपनी पार्टियां ही फेल कर रहे हैं.

नागपंचमी पर कांग्रेस नेता ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्यों बताया 'नाग'

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अब भी कांग्रेस नेता तंज कसते का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. नागपंचमी के मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और अरुण यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला है. अरुण यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो ट्वीट करते हुए उन्हें नागपंचमी की बधाई दी है.

कांग्रेस नेता अरुण यादव ने अपने ट्विटर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो शेयर करते हुए लिखा- नागपंचमी की शुभकामनाएं. अब सवाल यह उठका है कि अरुण यादव क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को आस्तीन का सांप बताने का प्रयास कर रहे हैं? आपको बता दें कि कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद से पार्टी के कई नेता सिंधिया को जयचंद तक कहते रहे हैं.

गौरलतब है कि मार्च में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया था. भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कहा था कि पहले की तरह की कांग्रेस पार्टी नहीं रह गई है, इसलिए वहां रहकर जनसेवा नहीं हो सकती है. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही है.

यही कारण है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में सिंधिया समर्थकों का असर कायम है. मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार में भी इसका असर देखने को मिला. शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई राउंड मीटिंग के बाद विभाग बंटवारे पर सहमति बन सकी थी.