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मायावती (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश के गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ खड़े हुए बसपा उम्मीदवार लोकेंद्र सिंह राजपूत के कांग्रेस में शामिल होने पर बसपा सुप्रीमो ने कमलनाथ सकरार को समर्थन देने पर पुनर्विचार की बात कह डाली है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में कांग्रेस भी बीजेपी से कम नहीं.
एमपी के गुना लोकसभा सीट पर बीएसपी उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है किन्तु बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी व अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी. एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा कि साथ ही, यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि बीजेपी भले ही जीत जाए किन्तु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है. अतः लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है. लोग सावधान रहें.
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बसपा और कांग्रेस के बीच गुना-शिवपुरी सीट से तनाव बढ़ता जा रहा है. मायावती के दबाव में ही कांग्रेस गठबंधन में शामिल नहीं हो पाई. जिसके कारण अब प्रियंका गांधी की टीम दलित वोटों में सेंधमारी करने में लगी है. कांग्रेस से जुड़े नेताओं का कहना है कि पार्टी अब अपने दम पर यूपी का चुनाव लड़ना चाहती है.
कांग्रेस के इन प्रयासों से नाराज मायावती ने अखिलेश यादव के साथ महागठबंधन बनाया. जब महागठबंधन का ऐलान किया गया तो मायावती ने कहा था कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों को वोट बैंक समझकर काम किया. दलितों का वोट लिया लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया. कांग्रेस ने बसपा के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी में शामिल कर लिया. इतना ही नहीं कांग्रेस ने उन्हें बिजनौर से लोकसभा का टिकट भी दे दिया. प्रियंका गांधी ने उभरते हुए दलित नेता चंद्रशेखर आजाद रावण से भी मुलाकात की.
साथ ही, यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि बीजेपी भले ही जीत जाए किन्तु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है। अतः लोगों का यह मानना सही है कि बीजेपी को केवल हमारा गठबंधन ही हरा सकता है। लोग सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) April 30, 2019
मध्य प्रदेश विधानसभा में बसपा कांग्रेस का समर्थन कर रही है. लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीटों की मांग को अनसुना कर दिया. यही हाल राजस्थान का भी रहा. राजस्थान में भी बसपा ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है.
Source : News Nation Bureau