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Morena Result Live Update: संगठन के आदेश पर आए तोमर के लिए आसान नहीं है 'मुरैना' जीतना

मुरैना लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने रामनिवास और बसपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है. 2014 में मुरैना लोकसभा से बीजेपी के अनूप मिश्रा जीते थे.

Updated on: 23 May 2019, 12:05 AM

नई दिल्ली:

Morena Lok Sabha Election Result Live Update

मुरैना लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने रामनिवास और बसपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है. 2014 में मुरैना लोकसभा से बीजेपी के अनूप मिश्रा जीते थे. उन्होंने बसपा के बृंदावन सिंह सिकरवार को 132981 वोटों से हराया था.

उन्हें 375567 वोट मिले थे. 2014 में कुल 50.18 प्रतिशत मतदान हुआ था. मध्य प्रदेश के मुरैना के रहने वाले नरेंद्र सिंह तोमर का जन्म 1957 में तोमर राजपूत परिवार में हुआ था. वह पूर्व में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. शिक्षा पूरी करने के बाद वह नगर निगम के पार्षद भी चुने गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में उन्हें शआमिल किया गया. तोमर पहली बार 2009 में मुरैना से ही लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे. 2014 में तोमर ग्वालियर से सांसद चुने गए. कांग्रेस के रामनिवास 7 बार विधायक रह चुके हैं. यह नरेंद्र सिंह तोमर को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. लेकिन जनता अपना फैसला सुना चुकी है. आज पता चलेगा कि कौन जीतेगा.

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अब तक मिले रुझानों के मुताबिक एनडीए को 342 सीटें, यूपीए को 86 सीटें, सपा-बसपा गठबंधन को 20 और अन्य को 91 सीटों पर बढ़त हासिल है. इस हिसाब से पीएम मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं.

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एक राउंड की गणना में लगता है इतना समय


प्रत्‍येक विधान सभा क्षेत्र के लिए एक साथ 14 ईवीएम की गिनती एक साथ होती है. अमूमन हर दौर में 30 से 45 मिनट का समय लगता है. मतगणना टेबल के चारों ओर पार्टियों या उम्मीदवारों के एजेंट पैनी निगाह रखे रहते हैं. उनके लिए भी मतगणना अधिकारी तय फार्म 17 सी का अंतिम हिस्सा भरवाते हैं. फॉर्म 17 सी का पहला हिस्सा मतदान के पोलिंग एजेंट की मौजूदगी और दस्तखत के साथ पोलिंग प्रक्रिया शुरू करते समय भरा जाता है. मतगणना के समय आखिरी हिस्सा भरा जाता है.

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गिनती शुरू करने की क्या है नियमावली


पोस्टल बैलेट बाद इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफरेबल पोस्टल बैलेट (ETPBS) भी अगर आए हों तो उनकी गिनती होती है. इन पर QR कोड होता है. उसके जरिए गिनती होती है. आयोग की नियमावली के मुताबिक पोस्टल बैलेट और ईटीपीबीएस की गिनती पूरी होने के आधा घंटा बाद ईवीएम में दिए गए मतों की गिनती शुरू होती है. इसके लिए हरेक विधान सभा इलाके के हिसाब से सेंटर में 14 टेबल लगाए जाते हैं.

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7:45 बजे से शुरू होगी काउंटिंग


सुबह 7:45 से मतों की गणनाशुरू हो जाती है. सरकारी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों द्वारा पोस्टल बैलेट के जरिए डाले गए वोटों की गिनती पहले होती है. सेना के कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट से मतदान का अधिकार है. पोस्टल बैलेट के लिए चार टेबल तय होते हैं. सभी राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों के नुमाइंदे इस गणना के गवाह होते हैं. हरेक टेबल पर मतगणना कर्मचारी को हरेक राउंड के लिए पांच सौ से ज्यादा बैलेट पेपर नहीं दिए जाते हैं.

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ये करते हैं वोटों की गिनती


Counting से पहले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को यह नहीं बताया जाता है कि उसे किस सेंटर पर भेजा जाएगा. काउंटिंग के दिन इन कर्मचारियों को सुबह 5 बजे काउंटिंग टेबल पर बैठना होता है. हर काउंटिंग टेबल पर काउंटिंग सुपरवाइजर, असिस्टेंट व माइक्रो पर्यवेक्षक होता है. इसके बाद इनके टेबल पर बैलेट यूनिट रखी जाती हैं. टेबल के चारों ओर जाली की घेराबंदी भी की जाती है.


मतगणना में सरकारी विभागों में कार्यरत केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल होते हैं. इन्‍हें एक हफ्ते पहले काउंटिंग सेंटर पर ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में जिला निर्वाचन अधिकारी और चुनाव से संबंधित जिले के वे अधिकारी शामिल होते हैं जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगी है. काउंटिंग से एक दिन पहले ट्रेंनिंग देने बाद उन्हें संबंधित संसदीय क्षेत्र में 24 घंटे के लिए भेज जाता है.