New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/03/15/fir-51.jpg)
प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
कोरोना के संक्रमण (Corona Virus) को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. लेकिन सैलाना के विधायक की लापरवाही ने सारी तैयारी पर पानी फेर दिया है. लॉकडाउन के दौरान बच्चों को रोकने के बजाए उनके साथ क्रिकेट खेलने पर विधायक हर्षविजय गहलोत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. 27 अप्रैल को कुंडा में विधायक का कुछ बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने का वीडियो वायरल हो गया. जिसके बाद सैलाना एसडीएम कामिनी ठाकुर के निर्देश पर सरवन थाने पर धारा 144 के उलंघन के आरोप में केस दर्ज कर विधायक को नोटिस जारी किया. हर्षविजय सैलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं.
यह भी पढ़ें- दिल्ली- NCR में फिर बदला मौसम, कई इलाकों में बारिश से सुहाना हुआ मौसम
कोरोना से वॉर्ड ब्वॉय की मौत
मध्यप्रदेश में कोविड-19 (Covid 19) के मोर्चे पर ड्यूटी के दौरान दम तोड़ने वाले " कोरोना योद्धाओं" (Corona Warriors) की फेहरिस्त में 43 वर्षीय वॉर्डबॉय का नाम शामिल हो गया है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि वॉर्डबॉय विजय चंदेले (43) शहर के एक सरकारी अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड में पिछले दिनों ड्यूटी कर रहे थे. इस महामारी से संक्रमित होने के बाद एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 30 अप्रैल को उनकी मौत हो गयी. अधिकारियों ने बताया कि चंदेले के शोकसंतप्त परिवार को प्रदेश सरकार ने 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर के तबादलों की पहली बड़ी लिस्ट, 17 हुए इधर से उधर
बेहतर गुणवत्ता वाले पीपीई का इंतजाम करना चाहिये
राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिवंगत वॉर्डबॉय की पत्नी को इस रकम का चेक शनिवार को सौंपा. इस मौके पर इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी और आला अधिकारी भी मौजूद थे. इस बीच, मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ की इंदौर इकाई के मीडिया सचिव शिवाकांत वाजपेयी ने कहा, "चंदेले राज्य के पहले वॉर्ड बॉय थे जो कोविड-19 वॉर्ड में मरीजों की सेवा करते हुए संक्रमित हुए और उनकी जान इस महामारी के खिलाफ जारी संघर्ष के दौरान गयी. इस मामले से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये बेहतर गुणवत्ता वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का इंतजाम करना चाहिये."