कूनो की बढ़ेने वाली है रौनक, जंगल में जल्द दौड़ेंगे अग्नि और वायु, सामने आई तारीख

Kuno National Park: नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि गांधीसागर वन्य जीव अभयारण्य चीतों के नये झुंड का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत में चीतों का यह दूसरा घर होगा.

Kuno National Park: नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि गांधीसागर वन्य जीव अभयारण्य चीतों के नये झुंड का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत में चीतों का यह दूसरा घर होगा.

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Yashodhan.Sharma
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Kuno wild life sanctuary

Kuno National Park: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के जंगलों में एक बार फिर से रौनक आने वाली है. यहां अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों को अक्टूबर के आखिर में सिलसिलेवार तरीके से छोड़ने की शुरुआत की जाएगी. अग्नि-वायु नाम के चीतों को सबसे पहले पालपुर पूर्वी रेंज में छोड़ा जाएगा, जबकि प्रभास-पावक जंगल के दूसरे हिस्से में विचरण करेंगे. 

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इसपर कूनो प्रबंधन का कहना है कि नर के साथ मादा चीतों को छोड़ना ज्यादा जरूरी है. क्योंकि वे मादा की तलाश में ही आएंगे, ऐसे में उनमें लड़ाई होने के आसार हैं और पास में भीड़ भी मौजूद होगी, इसलिए ऐतिहात बरतना जरूरी होगा. 

नए झुंड का स्वागत करने के लिए तैयार है गांधीसागर

नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि गांधीसागर वन्य जीव अभयारण्य चीतों के नये झुंड का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत में चीतों का यह दूसरा घर होगा. उन्होंने आगे बताया कूनो राष्ट्रीय उद्यान में कुल 20 चीते लाए गए हैं. इनमें से 8 चीते सितंबर 2022 में नामीबिया से लाए गए थे, जबकि 12 चीते फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए.

शावकों सहित कुल 24 चीते मौजूद

बता दें कि भारत लाए गए 20 चीतों में से आठ वयस्क चीतों (3 मादा और 5 नर) की मौत हो गई. वहीं, भारत आने पर 17 शावकों का जन्म हुआ जिनमें से 12 जीवित हैं. इस प्रकार कूनो में इस समय शावकों सहित कुल 24 चीते हैं. ये चीते 0.5 से 1.5 वर्ग किलोमीटर के बाड़े में इस वक्त मौजूद हैं.  दूसरी ओर इनको नैसर्गिक अवस्था में रहने के लिए आमतौर पर 50 वर्ग किलोमीटर से अधिक का वन क्षेत्र चाहिए.

चीता संरक्षण परिसर करना है स्थापित 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के अधिकारियों ने बताया कि चीते की दक्षिण अफ्रीका और केन्या से बातचीत अंतिम दौर में है. बहुत जल्द चीतों की संख्या बढ़ाई जाएगी. 'भारत में चीतों के पुनर्वास की कार्ययोजना' के तहत दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और अन्य अफ्रीकी देशों से अच्छी खासी संख्या होने तक हर साल 12 से 14 चीते लाने का प्लान है.

अधिकारियों ने बताया कि गुजरात के बन्नी घासमैदान में संरक्षण और प्रजनन केंद्र स्थापित किया जा रहा है. ऐसे में संभावना है कि केन्या से चीते लाए जाएंगे. चीता परियोजना को लेकर 2023-24 की आई वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का लक्ष्य मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच अगले 25 साल में कूनो-गांधीसागर वन क्षेत्र में अंतर राज्य चीता संरक्षण परिसर स्थापित करने का है.

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