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Krishna Rawat( Photo Credit : FILE PIC)
भोपाल के पास बनी आदमपुर छावनी पंचायत ने मध्यप्रदेश में समरस पंचायत का उदाहरण पेश किया है। खास बात यह है कि इस पंचायत की सरपंच से लेकर पंच तक महिला है। गांव की बहु सरपंच और सभी पंच निरविरोध चुने गये है। इसी समरस पंचायत पर देखिये हमारी खास रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सभी और तैयारियां चल रही हैं, गांव में सरकार बनाने के लिए प्रत्याशी प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में भोपाल से महज कुछ ही दूरी पर बने ग्राम आदमपुर छावनी ने एक मिसाल पेश की है।
दरअसल गांव में एक साल पहले बहु बनकर आई कृष्णा रावत अब इस गांव की निर्विरोध चुनी गई सरपंच बन गई है। इतना ही नहीं 20 पंच भी यहां निर्विरोध चुने गये है। खास बात यह है कि सरपंच कृष्णा के साथ चुने गये सभी पंच महिलाएं ही हैं। गांव में आरक्षण के बाद सीट ओबीसी मुक्त हो गई थी, ऐसे में ग्रामीणों ने रायशुमारी कर गांव की बहु कृष्णा रावत को जहां अपना सरपंच का प्रत्याशी बनाया, तो वही पंच भी महिलाएं ही बनाई गईं। चूंकि सभी ग्राम वासी एक मत थे, इसलिए सरपंच और पंच के लिए किसी अन्य ने दावेदारी नही की। अब 22 साल की बीए पास कृष्णा रावत इस गांव की सरपंच बन तो वहीं 20 पंच निर्विरोध चुन ली गई हैं। गांव की तस्वरी बदलने का सपना जहां कृष्णा ने देखा है, तो वहीं पंच भी अपनी सरपंच के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। गांव मेें आगनवाड़ी, नल जल योजना का लाभ, गालियों की मरम्मत, विधवा पेंशन, राशन कार्ड बनवाने, पानी की समस्या, हाई सेकेन्डरी स्कूल को खुलवाने जैसी तमाम समस्याओं का निराकरण गांव की महिला सरकार की प्राथमिकता रहेगी।
इस सभी पंचों और सरपंच का कहना है कि, महिलाएं सिर्फ घर में चूल्हा चौका करने के लिए नहीं रह गई हैं। वे भी आगे आकर देश का विकास कर सकती हैं। गांव की सरपंच ने महिलाओं को आगे आने का संदेश भी दिया है। आंदमपुर गांव में सरपंच और सभी पंचों का स्वागत भी किया गया और स्वागत के साथ ही यहां चौपाल भी लगाई गई। गांव में लगी पंचायत की इस चौपाल में सरपंच और सभी पंचों से समरस पंचायत सहित कई मुददों पर बात की, हमारे संवादताता जितेन्द्र शर्मा ने।
आदमपुर छावनी में रहने वाले सभी ग्राम वासी भी अपनी सरपंच और पंच के चुने जाने से काफी खुश है। महिलाओं को सरपंच और पंच बनाने की पहल वर्तमान उप सरपंच के जेठ प्रशांत ने की। जो खुद इस पंचायत से पूर्व में निरविरोध उप सरपंच रह चुके है। गांव में रहने वाले ग्रामीण भी अपनी सरपंच और पंचों के साथ गांव के विकास को देख रहे हैं, सभी ग्रामीणों का ये भरोसा है कि गांव की जो-जो समस्या अब तक नही खत्म हो पाई उसे गांव की महिला सरकार पूरा करेगी। पूर्व सरंपच ने भी नई टीम का साथ देने की बात कही।
इस तरह के गांव काफी ज्यादा विकास करते है, जहां ग्रामीण निरविरोध अपने सरपंच और पंच को चुन लेते है, क्योकि विरोधी के न होने पर और ग्रामीणों का साथ होने के कारण पंचायत विकास में हमेशा आगे रहती है। मुख्यमंत्री भी समरस पंचायत को 15 लाख रूपये की राशि देने की घोपणा कर चुके है, ऐसे में इस राशि की हकदार भी आदमपुर छावनी पंचायत दिखती नजर आ रही है। निरविरोध चुने जाने के साथ महिलाओं की भागीदारी ने आदमपुर छावनी गांव को एक मिसाल बना दिया है।
Source : Jitendra Sharma