कमलनाथ सरकार पर संकट के बीच जानें मध्य प्रदेश विधानसभा का सियासी अंकगणित
ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद अब तक 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है. ऐसे में अगर इन कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो विधानसभा की कुल संख्या 206 हो जाएगी और बहुमत के लिए 104 विधायक ही चाहिए होंगे.
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद अब तक 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा भेजा है. ऐसे में अगर इन कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो विधानसभा की कुल संख्या 206 हो जाएगी और फिर बहुमत के लिए 104 विधायकों की ही जरूरत होगी. साल 2018 में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी विधायक के समर्थन से कुल 121 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी.
सियासी संकट से पहले
- कांग्रेस 114
- बीजेपी 107
- बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
- सपा 1
- निर्दलीय 4
- रिक्त सीटें 2
- बहुमत के लिए आंकड़ा 116 चाहिए
बगावत और टूट-फूट के बाद अब का समीकरण
- कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब कुल बचे 88 विधायक
- बीजेपी के 107 में से दो बागी, अब कुल 105 विधायक
- बसपा 2 (एक पार्टी से निलंबित)
- सपा 1
- निर्दलीय 4
- बहुमत के लिए आंकड़ा 104 चाहिए
विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे
- कांग्रेस को कुल 114 सीटें मिली थी, बहुतमत से दो सीटें दूर रह गई थी.
- भाजपा को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन अभी विभिन्न कारणों से भाजपा की सदस्य संख्या घटकर 107 हो गई.
- बसपा को दो सीटें मिली थी.
- सपा को कुल 1 सीटे मिली थी.
- और निर्दलीय को चार सीटें मिली थी.
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