logo-image

जानिए कैसे कोरोना महामारी में विमानों से प्रयोगशालाओं तक भेजे जा रहे नमूने, पायलट ने बताया अनुभव

यह कोई साधारण उड़ान नहीं होती हैं. इसमें पायलटों को दिल्ली और पांडिचेरी की प्रयोगशालाओं तक नमूनों को ले जाने के लिए पीपीई कीट पहनने सहित कई अन्य कड़े प्रोटोकॉल का सामना करना पड़ता है.

Updated on: 30 Apr 2020, 02:01 PM

भोपाल:

मध्यप्रदेश सरकार के विमान और इसके पायलट अब तक वीवीआईपी लोगों को लाते और ले जाते रहे हैं. लेकिन अब ये कोरोना महामारी के इस दौर में कोविड-19 की जांच के लिए नमूनों को प्रयोगशालाओं तक तुरंत पहुंचानें की नई चुनौती को पूरा करने में लगे हुए हैं. यह कोई साधारण उड़ान नहीं होती हैं. इसमें पायलटों को दिल्ली और पांडिचेरी की प्रयोगशालाओं तक नमूनों को ले जाने के लिए पीपीई कीट पहनने सहित कई अन्य कड़े प्रोटोकॉल का सामना करना पड़ता है. प्रदेश के विमानन विभाग के कैप्टन विश्वास राय ने मीडिया को बताया, ‘‘यह हमारे लिये काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है. विमान उड़ाने के लिए हमें पीपीई कीट पहनना पड़ता है जो कि कठिन है क्योंकि हम इसके अभ्यस्त नहीं हैं. लेकिन मैं और मेरे वरिष्ठ कैप्टन माजिद राष्ट्रहित में इसे करते हैं.’’

उन्होंने बताया कि वह अब तक तीन उड़ानें दिल्ली और एक उड़ान पांडिचेरी के लिए भर चुके हैं. इसमें लगभग 6000 नमूनें प्रयोगशालाओं में पहुंचाये गये हैं. पीपीई कीट पहनकर विमान उड़ाने के अनुभव साझा करते हुए राय ने कहा कि यह आसान नहीं है क्योंकि इससे पूरा शरीर ढंक जाता है. इससे शरीर में पसीना अधिक निकलता है और कई बार आंखों के ऊपर पसीना आने पर हम इसे पोंछ भी नहीं पाते हैं. यह मुश्किल तो होता है लेकिन लोगों का जीवन बचाने से अधिक अहम कुछ भी नही है.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश : तेज आंधी तूफान ने मचाई तबाही, सैंकड़ों पक्षी समेत एक महिला की मौत

उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए उनकी पहली उड़ान कठिन थी, लेकिन बाद में हम इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार होते गये. इस उड़ान के लिए विमानन विभाग के कर्मियों के साथ ही स्थानीय नगर निगम के कर्मचारी और चिकित्सा विशेषज्ञों का एक पूरा दल होता है जो पूरी उड़ान प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करता है. राय ने बताया कि हर उड़ान से पहले और बाद में पूरे विमान को कॉकपीट और कैबिन क्षेत्र सहित साफ किया जाता है. एक डॉक्टर प्रयोगशाला तक नमूनों के साथ रहता है और हम स्वास्थ्य विभाग के सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हैं.

उनके परिवार के लोग इस पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं, इस सवाल पर राय ने कहा कि वह इसे समझते हैं. उन्होंने बताया, ‘‘इस समय एहतियात के तौर पर मैंने अपने परिवार को अपने भाई के घर भेज दिया है और स्वयं को पृथक कर लिया है. इसके साथ ही हमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां खाने की सलाह दी गयी है.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देश के स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यकर्ता सहित हर कोई संकट की इस घड़ी में अपना काम कर रहा है. इसी प्रकार राष्ट्रहित में हम भी अपना काम कर रहे हैं.

मध्यप्रदेश के विमानन विभाग के निदेशक टी इलैयाराजा ने पीटीआई भाषा से कहा कि नमूनों की लंबित जांचों को पूरा करने के लिए प्रदेश का सरकारी विमान और इसके पायलट अब तक चार उड़ाने भर चुके हैं. इनमें से तीन दिल्ली और एक पांडिचेरी के लिए थीं. उन्होंने कहा कि यदि आगे भी स्वास्थ्य विभाग को उनकी जरूरत हुई तो वे उड़ान भरने के लिए तैयार हैं .