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उदयपुर घटना : एमपी में दावते इस्लामी को लेकर अलर्ट 'सिमी-जेएमबी जैसे प्रतिबंधित संगठनों पर निगरानी'

उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपियों मुहम्मद रियाज और गौस मुहम्मद का पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी से कनेक्शन की बात आ रही है. इस मामले में एमपी के मालवा क्षेत्र से जानकारी जुटाई जा रही है.

Updated on: 30 Jun 2022, 10:58 PM

भोपाल:

उदयपुर में कन्हैयालाल की बेरहमी से हत्या करने वाले आरोपियों मुहम्मद रियाज और गौस मुहम्मद का पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी से कनेक्शन की बात आ रही है. इस मामले में एमपी के मालवा क्षेत्र से जानकारी जुटाई जा रही है. एमपी के मालवा और निमाड़ इलाके में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठनों की सक्रियता लगातार जारी है. उदयपुर में यह वारदात करने वाले दोनों आरोपियों का अलसूफा नाम के इस्लामिक संगठन से नाम जुड़ रहा है. अलसूफा संगठन की शुरुआत प्रदेश के रतलाम में ही हुई थी. दावते इस्लामी संगठन की गतिविधियों को लेकर पुलिस को अलर्ट रहने के निर्देश भी सरकार ने दिए हैं.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि राजस्थान एटीएस से लगातार बात चल रही है. मिश्रा ने कहा कि उदयपुर की घटना में दावते इस्लामी संगठन का नाम आ रहा है. उन्होंने कहा कि डीजीपी को इस संगठन की प्रदेश में गतिविधियों पर निगाह रखने को कहा है. मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह अलर्ट है.

भोपाल में 13 मार्च केा जमात ए मुजाहिद्दीन बंगलादेश के चार आतंकी पकड़ाए थे. इस मामले में बाद में कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिया गया था. दावते इस्लामी की तरह यह संगठन भी मुस्लिम युवाओं का ब्रेन वाश करने का काम करता है. यह लोग युवाओं को जेहाद के नाम पर आतंकी घटनाओं को करने के लिए उकसाते हैं. मार्च में ही राजस्थान में विस्फोटक सामग्री के मामले में दो आतंकी रतलाम से पकड़ाए थे. प्रतिबंधित संगठन सिमी का भी एमपी में गढ़ रहा है. 

हालांकि, उदयपुर की घटना का एमपी से अभी तक कनेक्शन नहीं आया है, लेकिन एमपी में कट्टर इस्लामी संगठनों की लगातार सक्रियता बड़ी हुई है. प्रदेश के मालवा और निमाड़ इलाके में कई इस्लामिक संगठन सक्रिय हैं. सिमी का गढ़ होने के कारण प्रदेश प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े आतंकियों का सेफ पैसेज भी है.

एक वरिष्ट पुलिस अधिकारी के अनुसार मालवा और निमाड़ के कुछ हिस्सों में लगातार छानबीन की जा रही है. उन्होंने कहा कि मालवा और निमाड़ में सिमी की लंबे समय तक गतिविधियां रही हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों में विशेष सावधानी रखी जा रही है.