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इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने वाली है कांग्रेस, ये हैं संकेत

कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के तीन शहरों को दो-दो नगर निगमों में बांटने की योजना बना रही है. सरकार भोपाल, इंदौर और जबलपुर को दो-दो नगर निगम (Municipal Corporation) में बांट सकती है.

Updated on: 21 Oct 2019, 09:07 AM

इंदौर:

कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के तीन शहरों को दो-दो नगर निगमों में बांटने की योजना बना रही है. सरकार भोपाल, इंदौर और जबलपुर को दो-दो नगर निगम (Municipal Corporation) में बांट सकती है. राज्य के नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि शहरी विकास के लिए छोटे जनसंख्या वाले वार्डो का होना जरूरी है. जबलपुर और इंदौर शहर में दो नगर निगम बनाने का कोई सुझाव या आवेदन आता है तो उस पर विचार किया जाएगा.

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हालांकि जयवर्धन सिंह के इस ट्वीट पर इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ ने नगर निगम को बांटने का विरोध किया. मालिनी गौड़ ने कहा कि इंदौर शहर को दो हिस्सों में बांटने की आवश्यक्ता नहीं है. नगर निगम कितना बेहतर काम कर रहा है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले तीन बार से नगर निगम भारत का सबसे स्वच्छ शहर रहा है.

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नगर निगम नागरिक सुविधाएं देने में कहीं भी पीछे नहीं है. ऐसे में शहर को दो हिस्सों में बांटना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कांग्रेस नेता विवेक तन्खा को सलाह दी कि वह जबलपुर पर ही ध्यान दें.

क्यों नगर निगम बांटना चाहती है कांग्रेस

मध्य प्रदेश में किल 16 नगर-निगम हैं. उन सभी पर 16 मेयर BJP के हैं. ऐसे में कमलनाथ सरकार नगर निगमों पर अपने महापौर बनाना चाहती है. इसके लिए पहले ही एक अध्यादेश जारी कर दिया गया है. जिसके मुताबिक अब मेयर सीधे जनता नहीं चुनेगी. बल्कि अब पार्षदों के द्वारा मेयर का चुनाव होगा.

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भोपाल को दो हिस्सों में बांटने के बाद अब प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर और संस्कारधानी जबलपुर को भी बांटने का प्लान बना रही है. कांग्रेस यहां के नगर निगमों से बीजेपी को हटाना चाहती है. मंत्री जयवर्धन सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से इस पर सहमति भी जता दी है. कई सालों से बीजेपी नगर निगम पर काबिज है. सीधे तौर पर नगर निगम को दो हिस्सों में बांट कर कांग्रेस बीजेपी वहां से हटाना चाहती है.

विवेक तन्खा ने किया था ट्वीट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद विवेक तन्खा ने एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने मांग की थी कि यह समय की डिमांड है. जबलपुर कॉर्परेशन 1956 के क़ानून तहत स्थापित हुआ था. तब जबलपुर की जनसंख्या २ लाख होगी. अब 15 लाख होगी. आज लगभग 70 वॉर्ड्ज़ हैं.

अगर 2 कॉर्परेशन स्थापित होंगे तो वार्ड संख्या दुगनी हो जायेगी. 2 मेअर भी मिलेंगे. कल में विधिसम्मत अभ्यवेदन जयवर्धन सिंह को करूंगा. इसके जवाब में नगर विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि माननीय विवेक तन्खा जी के विचार उचित है. शहरी विकास के लिए छोटे जनसंख्या वाले वार्डो का होना जरूरी है. जबलपुर और इंदौर शहर में दो नगर निगम बनाने का कोई सुझाव या आवेदन आता है तो उस पर विचार किया जाएगा.