नेहरू को क्रिमिनल कहने पर कमलनाथ ने जताया एतराज, बिना नाम लिए शिवराज सिंह पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अपराधी को कहने पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है.
नई दिल्ली:
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अपराधी को कहने पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है. दिग्विजय सिंह के बाद अब मुख्यमंत्री कमलमाथ ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को अपराधी बताए जाने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एतराज जताया है. कमलमाथ ने बगैर नाम लिए शिवराज सिंह के बयान को आपत्तिजनक करार दिया है. उन्होंने कहा कि उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात आज अपराधी कह कर संबोधित करना, बेहद आपत्तिजनक व निदनीय है.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ट्वीट में किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है, जिन्होंने आजादी के लिये संघर्ष किया, जिनके किये गये कार्य व देश हित में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात् आज अपराधी कह कर संबोधित करना, बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है.'
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है,जिन्होंने आज़ादी के लिये संघर्ष किया,जिनके किये गये कार्य व देश हित में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 11, 2019
उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात् आज अपराधी कह कर संबोधित करना,बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान के इस बयान पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जवाहरलाल नेहरू पैर की धूल भी नहीं है, उन्हें शर्म आनी चाहिए.
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बता दें कि शिवराज सिंह ने शनिवार को ओडिशा में सदस्यता अभियान के दौरान जवाहर लाल नेहरू को अपराधी बताया था. उन्होंने कहा था, 'कश्मीर की स्थिति के लिए जवाहर लाल नेहरू अपराधी हैं. जब भारतीय सेना कश्मीर से पाकिस्तानियों के खदेड़ रही थी, तो उन्होंने (नेहरू) युद्ध विराम की घोषणा कर दी थी. कश्मीर के एक तिहाई हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा था. अगर कुछ और दिनों के लिए युद्धविराम नहीं होता, तो पूरा कश्मीर हमारा होता.' उन्होंने आगे कहा था, 'उनका दूसरा अपराध अनुच्छेद 370 था. एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान यह देश के लिए अन्याय नहीं, बल्कि इसके खिलाफ एक अपराध था.'
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को प्रदत्त विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया है. उसके बाद से ही राजनेताओं की ओर से बयानाबाजी का दौर जारी है. उसी क्रम में शिवराज सिंह चौहान का यह बयान आया था.
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