बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती की चेतावनी के महज एक दिन बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने उनकी बात मान ली.मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ऐलान किया है कि वह सभी राजनीतिक केसों को वापस लेगी. 1 जनवरी 2019 यानी नए साल के पहले दिन गृह मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश में राजनीतिक द्वेष से दर्ज किए गए केसों को तुरंत वापस लेंगे.
वहीं, राजस्थान के अशोक गहलोत की सरकार ने कहा कि दलित वर्ग के खिलाफ दर्ज मामलों में कितने अपराधी हैं, कितने नहीं यह जांच का विषय है. सरकार अपना काम करेगी. कानून अपना काम करेगा, मामलों की जांच होगी. हमारा मकसद है कि निर्दोष इन मामलों में ना फंसे.
समर्थन वापसी पर सीएम गहलोत ने कहा कि मायावती ने बिना मांगे समर्थन दिया है.
बता दें कि सोमवार को मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कहा था कि उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं पर बीजेपी सरकार के दौरान राजनीतिक द्वेष से लगाए गए केस वापस नहीं लेती है तो वह सरकार को समर्थन देने के फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है.
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गौरतलब है कि अप्रैल 2018 में एसटी/एसी कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में दलितों का आंदोलन हुआ था, इस दौरान राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा केस दर्ज किया गया था. मायावती ने इसी बात पर सवाल खड़ा करते हुए सोमवार को बयान जारी किया.
बता दें कि मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने पदभार संभालते ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर मेहरबानी दिखाते हुए उन पर दर्ज सभी राजनीतिक केस वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी शासन के दौरान कांग्रेस के नेताओं पर लगे सभी राजनीतिक केस वापस लिए जाएंगे.
Source : News Nation Bureau