मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या एक साल में 7 लाख से बढ़कर लगभग 28 लाख हो गई है. हालांकि इस दौरान करीब 34 हजार युवाओं को रोजगार मिला है. विधानसभा में कमलनाथ ने बताया, 'अक्टूबर 2018 में मध्य प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 थी इस साल अक्टूबर 2019 में यह 27,79,725 हो गई है. पिछले एक साल में आयोजित जॉब फेयर में 17,506 युवाओं को नौकरी के लिए चुना गया, जबकि प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान 2,520 युवाओं को नौकरी के लिए चुना गया. इसके अलावा एमपी में 25 नए उद्योग स्थापित करने के कारण 13,740 पद सृजित हुए हैं.'
'नौकरी मिल की उम्मीद से ज्यादा हुआ पंजीकरण'
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि बेरोजगार युवकों की संख्या अचानक बढ़ने की वजह यह रही होगी कि उन्हें उम्मीद जगी होगी कि कांग्रेस सरकार में उन्हें नौकरी मिल जाएगी, इसीलिए उन्होंने खुद को रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत कराया होगा.
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'बेरोजगार भत्ता भी हो सकता है वजह'
राज्य के एक राजनीतिक विश्लेषक का कहना था कि चूंकि कांग्रेस ने पिछले साल हुए चुनावों के दौरान बेरोजगार युवाओं को 4000 रुपये महीने देने का वादा किया था, इस उम्मीद में भी बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं ने अपना पंजीकरण कराया होगा. हालांकि राज्य सरकार को अभी अपने इस वादे पर अमल करना बाकी है.
कांग्रेस का आरोप- सरकार नहीं कर रही भर्ती
राज्य बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश आंकड़े बताते हैं कि नई सरकार के शासन में बेरोजगारी बहुत तेजी से बढ़ रही है. अग्रवाल ने बताया, 'राज्य सरकार के पास 3 लाख खाली पद हैं लेकिन उन पर भर्ती नहीं की जा रही है. युवाओं को पता है कि कांग्रेस ने जिस बेरोजगारी भत्ते का दावा किया है उसके मिलने की कोई संभावना नहीं है.'
Source : News Nation Bureau