इंदौर प्रशासन की सख्ती पर कैलाश विजयवर्गीय ने जताया ये ऐतराज
मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रशासन ने कोरोना की रोकथाम के लिए आगामी दस दिन तक जनता कर्फ्यू को पूरी सख्ती से लागू किया है.
इंदौर:
मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रशासन ने कोरोना की रोकथाम के लिए आगामी दस दिन तक जनता कर्फ्यू को पूरी सख्ती से लागू किया है. जिला प्रशासन के इस फैसले पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने सवाल उठाए हैं और इसे अलोकतांत्रिक बताया है. लॉकडाउन (Lockdown) का सख्ती से पालन कराए जाने के फैसले पर भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने ऐतराज जताया है. कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा है कि आखिर क्या जरूरत है एक अलोकतांत्रिक और तानाशाही भरे निर्णय को इंदौर जैसे अनुशासित शहर पर थोपने की, जिस निर्णय की सर्वत्र निंदा हो रही हो उस पर पुनर्विचार होना ही चाहिये, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर विचार करना चाहिये.
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारी को सख्त रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोरोना संक्रमण को 31 मई तक खत्म करने को कहा है. इसी के चलते तमाम जिलों में जनता कर्फ्यू लगाया गया है.
मध्य प्रदेश के 40 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से कम
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है और हालात भी काबू में हो चले है. नए मामलों की संख्या जहां एक दिन में पांच हजार से कम हो चली है तो वहीं 40 जिलों में पॉजिटिविटी दर 10 से कम हो गई है. नौ जिले तो ऐसे है जहां पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से कम हो गई है.
मुाख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए हुए है और समीक्षा कर रहे है. मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि प्रदेश के जिन जिलों में पिछले कुछ दिनों से मामले कम नहीं हो रहे हैं, वहाँ क्षेत्रवार रणनीति बनाकर कोरोना को खत्म करो अभियान एवं कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कर संक्रमण की चेन तोड़ी जाना जरुरी है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा '' हमें इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी जिलो में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के हरसंभव प्रयास करने हैं, जिससे आगामी माह से जन-जीवन सामान्य करने की दिशा में प्रयास किए जा सकें. प्रभारी मंत्रियों के निर्देशन में सभी प्रभारी अधिकारी अपने जिले में एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाकर उसे सख्ती से लागू करें.''
'' भोपाल जिले की समीक्षा में पाया गया कि यहाँ भी पिछले कुछ दिनों से 650 से 700 के बीच मामले आ रहे हैं. इससे यह प्रतीत होता है कि कुछ क्षेत्रों में संक्रमण की चेन नहीं टूटी है. इसके लिए एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा तथा संक्रमण की चेन तोड़ी जाएगी.''
राज्य में दवाओ की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रहे है. नकली रेमडेसीविर बेचने वालों, कालाबाजारी करने वाले 72 व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा अधिक शुल्क लिए जाने पर अस्पतालों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है. कुल 265 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए मरीजों के परिजनों को एक करोड़ नौ लाख रूपए की राशि वापस दिलाई गई है.
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