मध्यप्रदेश में आईटीसी कंपनी अगरबत्ती की काड़ी बनाने का संयंत्र स्थापित करेगी. इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा. यह कंपनी विदेशों से 800 करोड़ रुपये की अगरबत्ती की काड़ी आयात करती है. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की गुरुवार को मंत्रालय में आईटीसी कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी एवं सीईओ चितरंजन दास के साथ चर्चा की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के तामिया में कैंसर के उपचार के लिए वनौषधियों की पहचान कर उनका दवाओं में उपयोग के लिए प्र-संस्करण इकाई लगाई जाएगी.
यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में नए कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हलचल, जानें किसका नाम है आगे
मुख्यमंत्री कमलनाथ की आईटीसी कंपनी के साथ मध्यप्रदेश में औषधीय फसलों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता का डिहाइड्रेशन प्लांट लगाने के संबंध में चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगरबत्ती के लिए उपयोग होने वाली काड़ी के लिए प्रदेश में बिगड़े वनों का उपयोग कर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाए. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होगा और विदेशों में जाने वाली 800 करोड़ की राशि मध्यप्रदेश को मिलेगी. इससे प्रदेश ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में रोजगार मिलेगा.
आईटीसी कंपनी को अगरबत्ती की काड़ी उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के बिगड़े वनों में तीन लाख 70 हजार पंचायत एवं वन समितियों के माध्यम से अच्छे किस्म के बांस के पौधों का रोपण करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट के विस्तार से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम दिला सकेंगे और इससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को औषधीय फसलों अगरबत्ती की काड़ी बनाने एवं सब्जी आदि की प्र-संस्करण इकाई स्थापित करने संबंधी प्रस्तावों को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही के लिए अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण विभाग को इसका नोडल अधिकारी बनाया है.
यह भी पढ़ेंः कमलनाथ सरकार से नाराज चल रहे हैं अखिलेश के विधायक, मंत्रियों पर लगाया बेइज्जती का आरोप
आईटीसी कंपनी के चेयरमैन संजीव पुरी ने बताया कि औषधि फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ कांट्रैक्ट फार्मिग कर बाई-बेक व्यवस्था के साथ खरीदी कर इन उत्पादों का प्र-संस्करण किया जाएगा. नूडल्स में उपयोग होने वाली सब्जी गाजर, मटर, बींस और आलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा. बाई-बेक व्यवस्था से किसानों को इन सब्जियों का उचित मूल्य प्राप्त होगा.
यह वीडियो देखेंः