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भाजपा के बैकबेंचर रहेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया...दोस्त के प्रमोशन से कितने खुश होंगे राहुल गांधी?

ज्योतिरादित्य सिंधिया को (Jyotiraditya Scindia Update News) को प्रधानमंत्री मोदी की नई कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है

Updated on: 08 Jul 2021, 02:33 PM

highlights

  •  ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया
  • भाजपा ज्वाइन करने के 17 महीने बाद उनको अब मोदी कैबिनेट में जगह मिली है
  • यूजर्स सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दोस्त ज्योतिरादित्य की तरक्की से राहुल गांधी खुश होंगे

भोपाल:

मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा दखल रखने वाले कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को (Jyotiraditya Scindia Update News) को प्रधानमंत्री मोदी की नई कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है. हालांकि पिछले कुछ दिनों उनकी सियासी डगर काफी ऊंच नीच वाली रही. कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन करने का फैसला लेना आसान नहीं था, जबकि उनका सियासी बैकग्राउंड ही कांग्रेस का रहा हो. इस बीच भाजपा में उनको लंबे समय तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, जिसको लेकर वह अपने कांग्रेस दोस्तों के निशाने पर आ गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया Jyotiraditya Scindia) के दोस्त और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi ने तो यहां तक कहा दिया था कि वहां उनको सम्मान नहीं मिलेगा. हालांकि इस कमेंट के लिए सिंधिया ने उनको कोई जवाब नहीं दिया था. भाजपा ज्वाइन करने के 17 महीने बाद उनको अब मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक्टिव यूजर्स सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दोस्त ज्योतिरादित्य की तरक्की से राहुल गांधी खुश होंगे. 

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दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात उनका भाजपा में जाना था. इस पर राहुल गांधी की ओर से प्रतिक्रिया आई थी कि वह भाजपा में बैक बेंचर हैं. लेकिन अगर वो कांग्रेस में होते तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार होते. राहुल गांधी ने इसको विचारधारा की लड़ाई बताया था. उन्होंने कहा था कि विचारधारा की इस लड़ाई में एक ओर कांग्रेस और दूसरी ओर आरएसएस है. राहुल गांधी ने कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की विचारधारा को मैं जानता हूं, क्योंकि वो मेरे साथ कॉलेज में थे. उन्होंने कहा था कि ज्योतिरादित्य को अपने राजनीतिक भविष्य का डर हो गया है, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी विचारधारा को जेब में रख लिया. यही वजह है कि वह आरएसएस के साथ चले गए, लेकिन वहां उनको कोई सम्मान नहीं मिलेगा. 

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हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस दौरान मौन नहीं रहे थे और उन्होंने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा था कि अगर उनको मेरी, इतनी चिंता तब होती, जब मैं कांग्रेस में था. तब अलग कुछ बात होती. अब चूंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया है, तो राहुल गांधी या किसी अन्य कांग्रेसी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.