कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले कई दिनों से लगातार सुर्खियो में है. वजह है उनके कांग्रेस छोडने की अटकलें. जी हां, इन दिनों सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में आने की अटकलें बड़ी तेजी से चल रही है. कहीं कहा जा रहा है कि अब महाराजा का मन कांग्रेस में नहीं लग रहा. कोई कह रहा है कि श्रीमंत सिंधिया अपनी बुआ वसुंधरा के जरिए बीजेपी में आने का रास्ता बने रहे हैं. तो किसी कहा जा रहा है बीजेपी राजमाता का कर्ज कुछ इस तरह उतारने की तैयारी में है.
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दरअसल, ये सारी अटकलें ज्योतिरादित्य सिंधिया के उस ट्वीट के बाद शुरू हुई जो उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के पहले किया था. इस ट्वीट में सिंधिया ने धारा 370 हटाने के बीजेपी सरकार के फैसले को सही ठहराया था. सिंधिया ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश में उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नहीं होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.'
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इसी ट्वीट के बाद से सिंधिया की राजनीतिक पारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होने लगा. तमाम सारी अटकलों के बीच कई तरह के फॉर्मूले भी बताए जा रहे हैं कि सिंधिया कितने विधायकों के साथ जाएंगे. सिंधिया के जाने से किस तरह कांग्रेस की सरकार गिरेगी. किस तरह सिंधिया बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. वगैरह-वगैरह. हालांकि बड़ा सवाल ये है कि बात बात पर ट्वीट करके अपनी बात रखने वाले श्रीमंत ने बीजेपी में जाने की अटकलों पर चुप्पी क्यों साध रखी है. कही महाराज की चुप्पी इन्हीं कहानियों को तो नहीं कह रही.
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