इंदौर भारत का जितना साफ सुथरा शहर है वहीं ट्रैफिक के मामले में यहां के हालात खराब हैं. हालत इतने खराब हैं कि ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए कमलनाथ के मंत्री को भी चौराहे पर आना पड़ा. खेल मंत्री जीतू पटवारी चाणक्यपुरी चौराहे पर जाम में फंस गए. बारिश के कारण लंबा जाम लगा हुआ था. जाम में ही मंत्री जीतू पटवारी का काफिला फंस गया. काफी देर तक जब जाम खत्म नहीं हुआ तो जीतू पटवारी गाड़ी से उतरे और जाम को खत्म करवाने में लग गए. जीतू पटवारी के साथ उनके गनर और अन्य साथियों ने भी ट्रैफिक का जिम्मा संभाल लिया. एक मंत्री को ट्रैफिक खुलवाता देख लोग भी हैरान हो गए.
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वे भी ट्रैफिक खुलवाने की कोशिश में लग गए. देखते ही देखते ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने लगी. घंटों से जाम में फंसे लोगों ने मंत्री के इस काम की सराहना भी की. घंटों लगे जाम से राहत दिलाने का काम ट्रैफिक पुलिस का था. लेकिन कमलनाथ के मंत्री ट्रैफिक पुलिस की भूमिका में दिखे. जब जीतू पटवारी ट्रैफिक को कंट्रोल कर रहे थे उस समय ट्रैफिक पुलिस का न ही कोई कांस्टेबल और न ही कोई अधिकारी मौके पर नजर आए.
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खेल मंत्री जीतू पटवारी ने एसपी, एडीशनल एसपी और डीएसपी को फोन भी लगाया लेकिन किसी ने फोन तक नहीं उठाया. खेल मंत्री जीतू पटवारी इंदौर के मुंबई-आगरा राजमार्ग पर चोइथराम चौराहे से लेकर सिलिकॉन सिटी तक के मार्ग के सेंट्रल लाइटिंग कार्य का शुभारंभ करने जा रहे थे. सेंट्रल लाइटिंग लगने के बाद ये रास्ता रात को दूधिया रोशनी से रोशन होगी. इस लाइट की लागत लगभग 87 लाख रुपये है.
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पटवारी उसी कार्यक्रम में जा रहे थे लेकिन तभी ट्रैफिक जाम में फंस गए. ट्रैफिक खुलवाने में उन्हें आधा घंटे का समय लगा. जिसके कारण वह कार्यक्रम में निर्धारित वक्त से काफी देर से पहुंचे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में भारी बारिश का कहर जारी है. बारिश के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति भी बनी रहती है. सड़कों के गड्ढों में पानी भरने के कारण जाम लग जाता है.
HIGHLIGHTS
- ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं था
- जब मंत्री फंसे तो खुद ही जाम हटवाने में लग गए
- किसी भी अधिकारी ने नहीं उठाया मंत्री का फोन
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो