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कृषि कानून पर जीतू पटवारी ने पूछा- देश के किसान किस पर करें भरोसा

किसान आंदोलन पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.

Updated on: 06 Dec 2020, 02:34 PM

भोपाल:

देश में कृषि कानून के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर जमकर राजनीति हो रही है. जहां एक ओर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजनीति दल अपने हितों को साधने के लिए खुद को किसान हितैषी बताने की पूरी कोशिशें कर रहे हैं. यहां तक के किसानों के हर फैसले पर अपना समर्थन देने में लगे हैं. यानी सरकार को घेरने का मौका विपक्ष छोड़ नहीं रहा है. किसान आंदोलन पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.

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जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान को साझा किया है. प्रधानमंत्री ने कृषि कानून को लेकर ट्वीट किया था, जबकि शिवराज सिंह चौहान नेदूसरे राज्यों की फसल की एमपी में आवक रोकने को लेकर बयान दिया पर. इस पर पूर्व मंत्री पटवारी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है. जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, 'नरेंद्र मोदी जी और शिवराज जी देश के किसान किस पर भरोसा करें..?'

दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कृषि कानून को लेकर एक ट्वीट किया गया था, जिसमें लिखा था, 'कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे वहां बेच सकता है. लेकिन केवल मेरे किसान भाई-बहनों को इस अधिकार से वंचित रखा गया था. अब नय प्रावधान लागू होने के कारण, किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में, अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेगा.'

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उधर, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा था, 'मैंने तय किया है कि जितनी पैदावार किसान की यहां होगी उतनी खरीद ली जाएगी. लेकिन अगर बाहर से कोई आया, अगल-बगल राज्यों से बेचने या बेचने का प्रयास भी किया तो उसका ट्रक राजसात करवाकर उसे जेल भेज दिया जाएगा.'

इन दोनों की तुलना करते हुए जीतू पटवारी ने यह सवाल उठाया है. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस लगातार कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बता रही है. इन कृषि कानूनों को कांग्रेस नेता काला कानून करार दे रहे हैं. कांग्रेस की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि से जुड़े तीनों कानूनों को वापस ले.