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शंकराचार्य और प्रहलाद के बीच पिघली बर्फ( Photo Credit : File Photo)
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल के बीच 30 सालों से जमी बर्फ पिघलने लगी है. प्रहलाद पटेल मंगलवार को परिवार के साथ नरसिंहपुर जिले स्थित परमहंसी आश्रम पहुंचे और शंकराचार्य के दर्शन किए. उन्होंने झोतेश्वर धाम में मां त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर में पूजन भी किया. वे भी नरसिंहपुर के ही रहने वाले हैं. उनके और शंकराचार्य के बीच करीब 30 साल पहले विवाद गहरा गया था. इस विवाद के बाद पटेल ने शंकराचार्य के खिलाफ काफी बयान भी दिए थे. उनका कहना है कि शंकराचार्य बीमार हैं, इसलिए वे उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए आए थे.
1992 में इन दोनों के बीच आखिरी बार मुलाकात हुई थी. पटेल नरसिंहपुर के ही एक और संत जिन्हें बाबा श्री कहा जाता था उनके काफी करीबी थे. इस इलाके में हुए एक नरबलि कांड की सीबीआई जांच हुई थी, जिसमें बाबा श्री को जेल जाना पड़ा था. इस मामले में जांच करवाने के पीछे स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का नाम लिया जाता है. इसके बाद से पटेल कभी शंकराचार्य के आश्रम नहीं गए.
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल की शंकराचार्य के दर्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी टिप्पणी करते हुए पटेल को धन्यवाद दिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि धर्म में कोई राजनीति नहीं होती. यह केवल व्यक्ति की आस्था पर निर्भर करता है. सभी धर्मों का सम्मान ही हमारी संस्कृति है. दिग्विजय सिंह स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दीक्षित शिष्य हैं. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पास अधिकांश कांग्रेस के नेताओं का आगमन होता है. ऐसे में पटेल के स्वामीजी के आश्रम में पहुंचने के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.
Source : Nitendra Sharma