मध्य प्रदेश में आटा घोटाला! ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा 'मध्य प्रदेश बचाओ पनौती हटाओ'

केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी लगातार इसी कोशिश में हैं कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे यह सरकार का एक सराहनीय प्रयास है, लेकिन आपको बता दें कि घोटालों ने इन गरीबों को भी नहीं बख्शा.

केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी लगातार इसी कोशिश में हैं कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे यह सरकार का एक सराहनीय प्रयास है, लेकिन आपको बता दें कि घोटालों ने इन गरीबों को भी नहीं बख्शा.

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Ravindra Singh
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CM Shivraj Singh Chauhan

शिवराज सिंह चौहान( Photo Credit : फाइल)

इन दिनों मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार पर लगातार विपक्ष निशाने साध रहा है. एक बार फिर ट्विटर पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज को लेकर ट्रेंडिंग हो रहा है, मध्य प्रदेश बचाओ पनौती हटाओ. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है इस ट्रेंडिंग का. जब पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा था और देश में लॉकडाउन लगा था ऐसे में राज्य सरकारें अपने यहां जनता को राशन बांट रहीं थीं. मध्य प्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में राशन बांटा गया. मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक इस राशन बांटने के दौरान मध्य प्रदेश में आटा का 10 किलो का पैकेट भी बांटा गया था. मध्य प्रदेश की जनता ने बताया कि इस 10 पैकेट के आटे में महज 7 किलो आटा ही निकल रहा है. हर पैकेट में 3 से 4 किलो आटा कम है.

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आपको बता दें कि देश में मौजूदा समय कोरोनावायरस (Corona Virus) संकट और लॉक डाउन (Lock Down) के बीच इस समय सबसे ज्यादा परेशानी में गरीब और दिहाड़ी मजदूर हैं. ऐसे में केंद्र सरकार लगातार इस कोशिश में है कि वो देश के हर गरीब और मजदूर को भोजन की कमी न होने दे, और सहायता के नाम पर राशन और जरूरी चीजें पहुंचाई जाए. केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी लगातार इसी कोशिश में हैं कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे यह सरकार का एक सराहनीय प्रयास है, लेकिन आपको बता दें कि घोटालों ने इन गरीबों को भी नहीं बख्शा. गरीबों को दिए गए आटा के पैकेट्स में से हर पैकेट में 3 से 4 किलो आटा कम निकल रहा है.
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मध्यप्रदेश में योजना की आड़ में आटा घोटाला!
मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक लॉकडाउन के दौरान गरीबों को राशन बांटने के मामले में आटा के 10 किलो पैकेट में से 3 से 4 किलो आटा कम पाया जा रहा है. दरअसल, कोरोना वायरस महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए राज्य सरकार ने जरूरतमंदों को दस किलो आटा देने की शुरुआत की है. सरकार के इस प्लान के लिए नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग 10 किलो के आटा के पैकेट्स तैयार कर रहा है. लेकिन कुछ लोगों की मिलीभगत से आटा के इन पैकेटों में 3 किलो कम आटा पैक होने की शिकायत मिल रही है. आपको बता दें कि सबसे पहले पैकेट में कम आटा होने की पहली शिकायत नई सड़क पर स्थित एक राशन की दुकान से मिली. इस दुकान पर जब एक राशन धारक ने आटे का पैकेट वजन कराया तो वह 8.85 किलो निकला. इसके बाद दुकान पर खड़े अन्य लोगों ने भी आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

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कांग्रेस ने की मामला दर्ज करने की मांग
जब इस पूरे मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई तो वहां के स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत उस विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाटक को बताई. जनता की शिकायत के बाद विधायक दौलतगंज स्थित एक सेंटर पर पहुंचे, और उन्होंने जब एक आटे के पैकेट का वजन कराया तो उसमें साढ़े सात किलो आटा ही निकला. इस गड़बड़ी के बाद कांग्रेस विधायक ने इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. वहीं पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की मांग की है. वहीं, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

Source : News Nation Bureau

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