logo-image

International Tiger Day: मध्य प्रदेश फिर बना टाइगर स्टेट, जानें कितनी बढ़ी बाघों की संख्या

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर आई है. भारत सरकार ने शनिवार को बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए हैं.

Updated on: 29 Jul 2023, 07:30 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में बढ़ी बाघों की संख्या. 
  • मध्य प्रदेश फिर बना टाइगर स्टेट. 
  • 563 बाघों के साथ कर्नाटक का है दूसरा स्थान.

नई दिल्ली:

International Tiger Day 2023: दुनियाभर में आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) मनाया जा रहा है. हर साल 29 जुलाई को ये दिन बाघों की लगातार घटती आबादी पर नियंत्रण करने और लोगों को जागरूक करने के लिए  मनाया जाता है. भारत के लिए यह दिन इसलिए भी खास होता है क्योंकि टाइगर यानी बाघ (Tiger) देश का राष्ट्रीय पशु भी है. भारत में करीब 50 साल पहले 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई थी. तब देश में बाघों की संख्या केवल 268 थी. इस प्रोजेक्ट का ही परिणाम है कि देश में इस खूबसूरत दुलर्भ जीव की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 

क्या कहते हैं आंकड़े 

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के लिए एक अच्छी खबर आई है. भारत सरकार ने शनिवार को बाघों की गणना के आंकड़े जारी किए हैं. जिसके मुताबिक, मध्य प्रदेश इस बार फिर टाइगर स्टेट बन गया है. बाघों की गणना की जो रिपोर्ट आई है उसके अनुसार, चार साल में मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. मध्य प्रदेश में पिछले 4 वर्षों में बाघों की संख्या में बड़ा उछाल आया है. 2018 की गणना में 526 बाघ पाए गए थे. यानी चार वर्षों में 259 बाघ बढ़ गए हैं. सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ और कान्हा नेशनल पार्क में हैं. कर्नाटक 563 बाघों के साथ दूसरे स्थान पर, उत्तराखंड 560 के साथ तीसरे और महाराष्ट्र 444 बाघों के साथ चौथे स्थान पर शामिल हैं. 

सीएम शिवराज सिहं चौहान ने जताई खुशी

बाघों की गणना आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने ट्वीट के जरिए कहा, "अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है कि विगत चार वर्षों में मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है. सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई. यह गौरवपूर्ण उपलब्धि वन विभाग के कर्मठ साथियों, वन्य जीव प्रेमियों और नागरिकों के योगदान से मिली है. मैं आप सबके सहयोग के लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूँ. आइये, हम सब मिलकर 'अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस' पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें.

सफल रहा प्रोजेक्ट टाइग  

बता दें कि बाघों की घटती आबादी को संरक्षण देने के लिए 1 अप्रैल 1973 को भारत में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया गया था. शुरुआत में इस योजना में 18,278 वर्ग किलोमीटर में फैले 9 टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया. पिछले 50 सालों में इस योजना का विस्तार हुआ और आज इनकी संख्या बढ़कर 53 हो गई है. ये 53 टाइगर रिजर्व 75,500 वर्ग किमी में फैले हैं.