इंदौर के खजराना मंदिर की भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र

मध्य प्रदेश में इंदौर के प्रसिद्ध खजराना मंदिर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारत सरकार के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने यहां की भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र देने के लिए चयनित किया है.

मध्य प्रदेश में इंदौर के प्रसिद्ध खजराना मंदिर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारत सरकार के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने यहां की भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र देने के लिए चयनित किया है.

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Yogendra Mishra
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इंदौर के खजराना मंदिर की भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र

प्रतीकात्मक फोटो।

मध्य प्रदेश में इंदौर के प्रसिद्ध खजराना मंदिर के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. भारत सरकार के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने यहां की भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र देने के लिए चयनित किया है. जांच में पाया गया है कि, यहां मिलने वाला प्रसाद और अन्य खाद्य सामग्री शुद्घ एवं सुरक्षित होती है.

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राज्य का खजराना मंदिर दूसरा ऐसा मंदिर है, जिसे 'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र के लिए चयनित किया गया है. इससे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर की भोजनशाला को यह प्रमाण पत्र मिल चुका है. मानक प्राधिकरण कई स्तरों पर परीक्षण के बाद इस प्रमाण-पत्र के लिए चयनित करता है.

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खजराना गणपति मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव तथा खजराना गणेश मंदिर समिति के प्रशासक और नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने मंदिर की भोजनशाला तथा परिसर में भक्तों को गुणवत्तापूर्ण और शुद्घ तथा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की थी.

जाटव और सिंह ने भोजनशाला के कर्मचारियों और दुकानदारों को खास प्रशिक्षण देने की योजना बनाई. इसके मुताबिक, उन्हें कच्ची सामग्री का भंडारण, परिवहन, कीटों के प्रवेश एवं पनपने पर रोक, फर्श दीवारों आदि की सफाई, मक्खियों, मच्छर एवं अन्य कीड़ों को रोकने के लिए जाली, एलुमिनियम या स्टैंनलेस के जंक मुक्त बर्तन एवं मशीनरी का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया.

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प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि साफ-सफाई किस तरह रखें, व्यक्तिगत सफाई पर जोर दें, पर्याप्त रोशनी का इंतजाम किया जाए, दूध-फलों को किस तरह रखा जाए, इसके तरीके बताए गए. कर्मचारियों और दुकानदारों को जो प्रषिक्षण दिया गया, उस पर उन्होंने अमल किया.

समिति के अनुसार, मंदिर परिसर में समस्त प्रसाद विक्रेताओं एवं खजराना गणेश मंदिर के अन्न क्षेत्र का प्रिअडिट पूर्ण कर सभी दुकानों, अन्न क्षेत्र में निर्मित एवं कच्चे खाद्य पदार्थो के निगरानी नमूने लेकर जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजे गए.

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इसके बाद फूड सिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा नियुक्त इंडियन रजिस्टार क्वालिटी सिस्टम के मुख्य अडिटर सतीश कुमार द्वारा गत 12 और 13 अगस्त को अडिट किया गया. अडिट में श्री गणपति मंदिर प्रबंध समिति के 'सेफ भोग प्लेस' प्रमाणन के लिए 130 में से 119.5 अंक प्राप्त हुए.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, फूड सिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ) को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के परीक्षण उपरांत गणपति मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित भोजनशाला को 'सेफ भोग प्लेस' प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है.

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'सेफ भोग प्लेस' का प्रमाण पत्र जारी किया जाना राज्य के धार्मिक स्थानों की खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता अपनाने और उसे बनाए रखने के लिए की जा रही पहल का यह हिस्सा है.

इसका उद्देश्य धार्मिक स्थानों में प्रसाद लंगर आदि खाद्य सामग्री के रूप में परोसे गए भोजन से संबंधित एवं अनियमितताओं को दूर करने के लिए जागरूकता उत्पन्न करना है. ताकि, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 तथा उसके अंतर्गत बने नियमों विनियमों का उचित अनुपालन हो.

Source : आईएएनएस

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