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इंदौर जिला कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को सुनाई एक साल की सजा, 25 हजार के मुचलके पर जमानत

एफआइआर में दिग्विजय सिंह का नाम ही नहीं था लेकिन बाद में अभियोजन ने धारा 319 के तहत एक आवेदन देकर उनका नाम जुड़वाया गया था. 

Updated on: 26 Mar 2022, 10:43 PM

इंदौर :

दस साल पुराने मारपीट के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित छह लोगों को इंदौर विशेष न्यायालय ने एक-एक साल कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आरोपितों पर पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को 25 हजार के मुचलके पर  जमानत दे दी. दिग्विजय सिंह व अन्य पर 17 जुलाई 2011 को उज्जैन में भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट का आरोप था. खास बात यह कि एफआइआर में दिग्विजय सिंह का नाम ही नहीं था लेकिन बाद में अभियोजन ने धारा 319 के तहत एक आवेदन देकर उनका नाम जुड़वाया गया था. 

प्रकरण का विचारण भोपाल के विशेष न्यायालय में चल रहा था लेकिन पिछले दिनों जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की सुनवाई के लिए इंदौर में विशेष न्यायालय गठित होने के बाद प्रकरण भोपाल से इंदौर विशेष न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था. शनिवार को विशेष न्यायाधीश मुकेश नाथ ने मामले में फैसला सुनाया. सजा सुनाने के कुछ ही देर बाद दिग्विजयसिंह और अन्य को 25-25 हजार के मुचलके पर जमानत भी दे दी गई.

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घटना 17 जुलाई 2011 की है. पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उज्जैन आए थे. भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेसी नेताओं को काले झंडे़ दिखाए थे. इससे नाराज होकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर दी. घटना में भाजयुमो के अमय आप्टे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. 

इस मामले में जीवाजी गंज पुलिस थाने में कांग्रेस नेताओं पर जानलेवा हमले की कोशिश का प्रकरण दर्ज हुआ था. एडवोकेट कमल गुप्ता के अनुसार प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने एक आवेदन दिया था कि मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी संलिप्तता है. उनका नाम भी एफआइआर में जोड़ा जाए. कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकारते हुए सिंह का नाम एफआइआर में जोड़ लिया.