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बातों ही बातों में शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया 'विभीषण'

दरअसल जब ज्योतिरादित्य भाजपा कार्यालय पहुंचे तो उनका स्वागत किया गया.

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yogesh bhadauriya
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प्रतिकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

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मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ज्योतिरादित्य का स्वागत करते हुए बातों-बातों में ज्योतिरादित्य को विभीषण बता डाला. दरअसल जब ज्योतिरादित्य भाजपा कार्यालय पहुंचे तो उनका स्वागत किया गया. शिवराज सिंह चौहान उनके स्वागत में कसीदे पढ़ रहे थे. उसी क्रम में उन्होंने रामायण की गाथा सुनानी शुरू कर दी. शिवराज ने कलयुगी रामायण में ज्योतिरादित्य को विभीषण का पात्र दिया तो कमलनाथ को रावण का बताया और लोगों को समझाने की कोशिश की, किस तरह भगवान राम ने विभीषण का सहारा लेकर लंका पर विजय प्राप्त की थी. शिवराज ने कहा था कि 'अगर लंका पूरी तरह जला दी हो तो विभीषण की जरूरत होती है और अब तो सिंधिया जी भी हमारे साथ है.'

शिवराज के इस बयान को सिंधिया के मंदसौर कांड पर दिए गए बयान से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं ने शिवराज के इस बयान को सिंधिया का अपमान बताया है. यही नहीं सोशल मीडिया पर भी शिवराज के इस भाषण को लेकर कई प्रकार के कमेंट आ रहे हैं.

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शिवराज सिंह चौहान के भाषण पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी तंज कसा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि शिवराज ने फिर बोला सिंधिया पर हमला. अब बताया रावण के परिवार का..देखिए ! किस निर्लज्जता व बेशर्मी से शिवराज जी नवागत बीजेपी नेता सिंधिया को विभीषण बता रहे हैं, पहले अंग्रेजों का साथी और अब रावण का भाई..? शिवराज जी, सम्मान देने लाए थे, या बदला लेने..?

दरअलस ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने स्वागत समारोहों में दो बार मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया. मंदसौर गोलीकांड को लेकर कांग्रेस अक्सर भाजपा पर हमला बोलती रहती है. सिंधिया ने भाजपा में शामिल होते वक्त और गुरुवार को रोड शो के बाद दिए भाषण में मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, "किसानों पर लगे केस वापस नहीं लिए गए. यह वादा कांग्रेस ने किया था, जिसे निभाया नहीं गया. जब मैंने सड़कों पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा गया कि उतर जाएं." गौरतलब है कि मंदसौर गोलीकांड शिवराजसिंह चौहान के शासनकाल में हुआ था.

Source : IANS

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