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मप्र में अत्यावश्यक सेवा छोड़कर दीगर दफ्तरों में मात्र 10 फीसदी कर्मचारी आएंगे

डॉ. राजौरा ने बताया कि नए निर्देशों में जिलाधिकारियों को किराना के थोक व्यापारियों द्वारा फुटकर किराना दुकानों में सामग्री का प्रदाय सतत एवं निर्बाध रूप से बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

Updated on: 21 Apr 2021, 06:00 AM

भोपाल:

मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के संबंध में पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों के साथ ही अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नए निर्देशों के मुताबिक, अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही संचालित किए जा सकेंगे. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि अत्यावश्यक सेवाओं में कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन, कोषालय इत्यादि को शामिल किया गया है.

डॉ. राजौरा ने बताया कि केंद्र सरकार के कार्यालय, जो अत्यावश्यक सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं, वे भी 10 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ संचालित किए जाएंगे. आईटी कंपनियों, बीपीओ, मोबाइल कंपनियों का सपोर्ट स्टॉफ एवं यूनिट्स को छोड़कर शेष निजी कार्यालय भी 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही चलेंगे. 10 प्रतिशत के बंधन के कारण जो कर्मचारी कार्यालय नहीं आते हैं, वे घर से ही कार्य (वर्क फ्रॉम होम) करेंगे.

डॉ. राजौरा ने बताया कि नए निर्देशों में जिलाधिकारियों को किराना के थोक व्यापारियों द्वारा फुटकर किराना दुकानों में सामग्री का प्रदाय सतत एवं निर्बाध रूप से बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. बड़ी सब्जी मंडियों को छोटे-छोटे स्वरूप में शहरों के विभिन्न भागों में बांटे जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सामाजिक, राजनैतिक, खेलकूद, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णत वर्जित रहेगा. ऑटो, ई-रिक्शा में दो सवारी तथा निजी चार पहिया वाहनों में ड्रायवर तथा दो पैसेंजरों को (मास्क के साथ) यात्रा करने की अनुमति रहेगी.

मध्य प्रदेश में एक तरफ कोरोना का संक्रमण लगातार बढता जा रहा है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते लगातार मौतें हो रही हैं. इस बीच ऑक्सीजन की किल्लत ने भी मरीजों की सांसों को रोक दिया है. कुछ ऐसा ही बीती रात मध्य प्रदेश के शहड़ोल मेडिकल कॉलेज में हुआ. जहां ऑक्सीजन की कमी होने से करीब 16 लोगों की मौत की खबर है. प्रशासन ने अभी सिर्फ 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है. वहीं मरने वालों के परिजनों की मानें तो 12 से अधिक लोगों की मौत  ऑक्सीजन नहीं मिलने से हुई है.