ग्वालियर में बन रहे ईको फेंड्रली प्रतिमाएं और घी के पकवान

मध्य प्रदेश में पर्यावरण के संरक्षण का अभियान हर तरफ चलाया जा रहा है, कहीं ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं बन रही है तो दूसरे तरह के प्रयास भी जारी है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
MP

स्व सहायता समूह दे रहा महिलाओं को नई दिशा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

मध्य प्रदेश में पर्यावरण के संरक्षण का अभियान हर तरफ चलाया जा रहा है, कहीं ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं बन रही है तो दूसरे तरह के प्रयास भी जारी है. ग्वालियर में स्व सहायता समूह की महिलाएं पर्यावरण मित्र सामग्री से कलात्मक मूर्तियां और सजावट का सामान बनाने में लगी है. इतना ही नहीं शुद्ध घी के पकवान भी बनाने में जुटी है. ग्वालियर के आसपास के गांव में संचालित स्व-सहायता समूह की महिलाएं मिटटी और गोबर से ईको फेंडली गणेश व लक्ष्मी प्रतिमाओं के अलावा कलात्मक दीपक बनाए जा रहे है. वे अगरबत्ती, मोमबत्ती, रुईबाती भी बना रही है. इसके अलावा घर-द्वार की सजावट की सामग्री के साथ फ्लॉवर पॉट व रंग-बिरंगी झालरें तैयार करने का भी दौर जारी है.

Advertisment

स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाई जाने वाली इस सामग्री की बिक्री के लिए फूलबाग में हाट बाजार भी लगाया जाएगा. इसमें लोगों केा आकर्षक और जरुरत की सामग्री तो मिलेगी ही साथ में भीड़ भाड़ से भी बचाया जा सकेगा. ग्राम सौंसा के मुस्कान स्व-सहायता समूह से जुड़ी बीना यादव व चकमहाराजपुर के रतनगढ़ वाली माता समूह से जुड़ीं भावना सैनी शुद्ध देशी घी के पकवान और नमकीन को ग्रामीण हाट बाजार तक लाने की तैयारी में लगी है. इसी तरह ग्राम केरूआ के माँ शेरावाली समूह की सदस्य मीरा जाटव मिटटी के गणेश व लक्ष्मी की आकर्षक मूर्तियां बनाने में जुटी हैं.

देवरीकला के ठाकुरबाबा स्व-सहायता समूह की सदस्य सुमित्रा प्रजापति का कहना है कि ग्राम सहारन व देवरीकला में स्व-सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं द्वारा गोबर व मिटटी के आकर्षक एवं कलात्मक दीपक तैयार किए जा रहे हैं। इसी तरह ग्राम धवा की उमा कुशवाह आकर्षक खिलौने बनाने में जुटी हैं तो विकासखण्ड घाटीगांव के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर झाड़ू एवं फूलबाती बनाने का काम किया जा रहा है.

ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल में निवासरत ये महिलाएँ स्व-सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भर तो बनी ही हैं, साथ ही महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखी है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्वालियर जिले के ग्रामीण अंचल में गठित तीन हजार 287 स्व-सहायता समूहों से लगभग 36 हजार महिलायें जुड़ी हैं और सफलतापूर्वक आजीविका गतिविधियाँ संचालित कर रही हैं.

HIGHLIGHTS

  • 287 स्व-सहायता समूहों से लगभग 36 हजार महिलायें जुड़ी
  • मिटटी के गणेश व लक्ष्मी की आकर्षक मूर्तियां रही हैं बन
मध्य प्रदेश मूर्तियां ग्वालियर madhya-pradesh Gwalior Idols eco friendly इको फ्रेंडली sweet dish
      
Advertisment