मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जरूरतमंदों के लिए सरकार द्वारा बंटवाए जा रहे आटे की मात्रा कलेक्टर ने सही पाई है. कलेक्टर ने शनिवार को स्वयं कई उचित मूल्य की दुकानों पर जाकर आटे के पैकेट को तुलवाकर देखा, और साथ ही हितग्राहियों को बांटे गए पैकेट को भी मंगा कर तुलवाया.
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शनिवार को बहोड़ापुर स्थित लक्ष्मीपुरम क्षेत्र की दो उचित मूल्य की दुकानों तथा दाल बाजार क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण किया तथा आटे के पैकेट अपने समक्ष तुलवा कर देखे. इसके साथ ही दाल बाजार क्षेत्र में शुक्रवार को हितग्राहियों को वितरित किए गए आटे के पैकेट उनके घर से मंगवा कर निजी किराने की दुकानों पर तुलवा कर देखे गए. उन्होंने सभी पैकटों में लगभग नौ किलो 500 ग्राम आटा पाया.
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कलेक्टर सिंह ने बताया कि 10 किलो गेहूं से आटा पिसवाने एवं पैकिंग के बाद जितना आटा चक्की में क्षय होता है, उतनी ही मात्रा में पैकेट में आटा कम है, इसीलिए उक्त आटे के पैकेट सही हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गत दिवस वितरित किए गए आटे के पैकेट में आटा कम होने की जो शिकायत आई है, उसकी जांच अपर कलेक्टर टी. एन. सिंह के नेतृत्व में की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि सरकार से प्राप्त गेहूं को जिला प्रशासन द्वारा आम नागरिकों की सुविधा को देखते हुए आटे के रूप में परिवर्तित कर ऐसे जरूरतमंदों को वितरित किया जा रहा है, जिनके पास राशन कार्ड आदि नहीं हैं.
सिंह ने जरूरतमंदों को निशुल्क वितरित किए जा रहे आटे के पैकेट में कम आटा निकलने की शिकायत मिलने पर अपर कलेक्टर टीएन सिंह एवं संयुक्त कलेक्टर विनोद भार्गव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है.
दरअसल, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने 10 किलो के पैकेट में सात से आठ किलो आटा होने की शिकायत की. इस पर स्थानीय विधायक प्रवीण पाठक ने आटा वितरण में घोटाले का आरोप लगा दिया.
Source : News State