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सांसद के सामने खरगोन की DM से युवक ने किया सवाल-3 घंटे पत्थर चले मैडम आप कहां थीं?

मंत्री कमल पटेल ने भी अलग से मंत्री स्वेच्छानुदान मद से अलग से 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी.

Updated on: 24 Apr 2022, 11:18 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश के खरगोन (MP Khargone) में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ और लूटपाट का शिकार हुए परिवारों को राज्य सरकार ने राहत राशि दी है. इसको जब सांसद गजेंद्र पटेल के साथ डीएम अनुग्रहा देने पहुंचीं तो लोग उन पर भड़क उठे. एक युवक ने कहा,'मैडम, 3 घंटे पत्थर चले, आप कहां थीं'... वहीं एक अन्य महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि हम घर पर नहीं थे, फिर भी नाम आ रहे हैं. ये शिकायतें सुनते हुए डीएम व सांसद आगे बढ़ गए.

खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा में कई लोगों के घर तबाह हो गए थे. हिंसा प्रभावित इलाकों में खरगोन के सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और कलेक्टर अनुग्रहा पी ने प्रशासनिक अमले के साथ पहुंचकर अब तक हुए सर्वे के अनुसार 108 हिंसा प्रभावितों को 52 लाख रुपए की सहायता के स्वीकृति पत्र सौंपे. ये राशि पीड़ित परिवारों के बैंक खातों में डाली जाएगी. उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से खरगोन में हुई हिंसा के बाद एक करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी की गई थी. वहीं दो दिन पूर्व जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने भी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था.

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मंत्री कमल पटेल ने भी अलग से मंत्री स्वेच्छानुदान मद से अलग से 10 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की थी. इसके बाद 19 पीड़ित परिवारों को 20-20 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई, जिसमें संजय नगर की छात्रा लक्ष्मी पवार शामिल है. लक्ष्मी की दंगे में स्कूटी और किताबें जलने पर और लक्ष्मी मुछाल की शादी का दहेज का सामान उठा ले जाने के मामले में दोनों को 20-20 हजार रुपए की राशि दी गई है. इस दौरान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम महाजन, भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर सहित एसपी रोहित काशवानी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे.

सांसद गजन पटेल का कहना है कि रामनवमी के जुलूस के दौरान आगजनी और पथराव में कई घर लूटे गए. कई घर जला दिए गए. प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा जिला अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से सहायता की मांग की थी. इसके चलते प्रभावितों को राहत राशि के स्वीकृति पत्र सौंपे जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पैकेज दिया है, ताकि जल्द से जल्द राहत राशि सौंपी जा सके. दंगा होने के बाद कुछ लोग डरे हुए हैं. इसलिए सरकार तत्काल सहायता उपलब्ध करा रही है.