भोपाल में पैरोल पर बाहर आए आरोपी ने अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया. वारदात को इतने शातिर तरीके से अंजाम दिया गया कि पुलिस ने भी उस व्यक्ति को मरा हुआ मानकर फाइल में मृत घोषित कर दिया था. लेकिन पुलिस के होश उस समय उड़ गए जब जानकारी मिली कि जिस व्यक्ति को मृत मान कर पंचनामा किया गया है वह कोई और है. हालांकि मामले की असलियत सामने आते ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
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दरअसल, राजधानी के रातीबड़ थाना क्षेत्र में विगत 29 जून को सुबह क्षेत्र के रहवासियों ने पुलिस को सूचना दी थी कि एक घर में आग लगी हुई है और कुछ जलने की बदबू भी आ रही है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने आग बुझाने का प्रयास किया. साथ ही जब घर का दरवाजा तोड़ा गया उस घर में एक लाश जली अवस्था में मिली थी. रहवासियों ने बताया था कि यह घर राजेश परमार का है और वह अपने घर में अकेला था वैसे वह अपनी मां के साथ इस घर में रहता है. लेकिन उसकी मां इस समय गांव गई हुई है और 29 जून को ही उसे वापस जेल जाना था क्योंकि वह पैरोल पर बाहर आया हुआ था.
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राजेश परमार को एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई है और वह वर्ष 2014 से सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था. पुलिस ने भी आनन-फानन में मृत पड़ी लाश को राजेश परमार की ही बॉडी समझ कर पंचनामा तैयार कर दिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. लेकिन बाद में पुलिस को जानकारी मिली कि जिस व्यक्ति का घर में शव मिला था वह राजेश परमार नहीं है और राजेश परमार जिंदा है जो चेन्नई में है.
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बताया जा रहा है कि राजेश परमार ने एक शराबी को शराब पिलाने के बहाने अपने घर बुलाया था और उसे जमकर शराब पिलाई और बाद में उस व्यक्ति को आग के हवाले कर दिया, ताकि पुलिस को यह भ्रम हो जाए कि मरने वाला व्यक्ति राजेश परमार ही है और वह अपनी बची हुई सजा से बच जाए. पुलिस ने राजेश परमार को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया है जिसे अब भोपाल लाया जा रहा है.
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