कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस (RSS) बड़ा हमला बोला है. राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता हिंदुस्तान के सभी नागरिकों को हिंदू बताते हैं. इस तर्क से अमेरिका, अफ्रीका और अन्य देशों में पैदा हुए हिंदुओं की पहचान क्या है? उन्होंने कहा कि देश एक ऐसे समय से गुजर रहा है, जहां नफरत का बीज बोया गया था. वो अब नफरत बोने वालों को फल देने लगा है. नफरत से ही हिस्सा पैदा होती है और ऐसे ही आतंकवाद पैदा होता है. कोई भी धर्म नफरत का रास्ता नहीं देखता, हर दम नेक इंसान बनने के लिए रास्ता दिखाता है. चाहे ईसाई धर्म हो, चाहे इस्लाम धर्म या जैन धर्म कोई भी धर्म इंसानियत ही उसका मूल आधार है.
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दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'मेरे ऊपर आरोप लगाए जाते हैं कि मैं मुसलमान परस्त हूं, लेकिन मैं भारत परस्त हूं और देश परस्त हूं.' साध्वी प्रज्ञा पर हमला बोलते हुए दिग्विज सिंह ने कहा कि, 'जिसने महात्मा गांधी की हत्या की. बीजेपी के ऐसे कई लोग उसे देशभक्त कहते है. ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए.' उन्होंने कहा कि हिन्दू हो या मुसलमान जिन लोगों ने मोहमद अली जिन्ना के साथ रहना पसंद किया, उनकी पैरवी की जा रही है.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'जो अपने आप को हिंदू धर्म का रखवाला कहता है, मुझे उस पर दया आती है. जो नफरत फैला कर लोगों में गली गलौच कराता है. सनातन धर्म का पालन करने वाला नहीं हो सकता. हमारा धर्म ही सिखाता है कि जो भी आता है उसका हम सम्मान करें. सनातन धर्म की परंपरा कई है. समुंदर में अगर किसी राज्य पर आक्रमण करते हैं तो उस राज्य पर कभी बंद नहीं लगाते. आज सोशल मीडिया पर धर्म को एक दूसरे तरीके से परिभाषित किया जा रहा है. जो आपके साथ नहीं है, वह गद्दार है. वह हिंदू नहीं है.'
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दिग्विजय सिंह ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी की जो नीतियां थी, उसी वजह से देश यह तक पहुंचा है. लेकिन बीजेपी-आरएसएस के लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं. कभी कावड़ यात्रा निकालो, कभी चुनरी यात्रा निकालो, लेकिन रोजगार की बात मत करो.' उन्होंने कहा कि पूरे देश में बीजेपी और आरएसएस के पास कोई एजेंडा नहीं है. उन्होंने तांगे के घोड़े के जैसी हालात स्वयंसेवकों की कर दी है. उन्हें कहा जाता है कि सिर्फ सड़क देखना है और कुछ नहीं. अटल जी तारीफ करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'वो कहते थे कि कश्मीर का इंसानियत से हल निकाला जा सकता है.'