अनोखी प्रथा: यहां पान खिला कर चुना जाता है जीवनसाथी

विवाह की कई अलग-अलग परंपराओं के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा. विदेशों में कई जगह विवाह की बेहद चौंकाने वाली परंपराएं देखने को मिलती हैं.

विवाह की कई अलग-अलग परंपराओं के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा. विदेशों में कई जगह विवाह की बेहद चौंकाने वाली परंपराएं देखने को मिलती हैं.

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Yogendra Mishra
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पान।( Photo Credit : फाइल फोटो)

विवाह की कई अलग-अलग परंपराओं के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा. विदेशों में कई जगह विवाह की बेहद चौंकाने वाली परंपराएं देखने को मिलती हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के हरदा जिले के एक आदिवासी अंचल में विवाह की एक बेहद हैरान करने वाली परंपरा है. हरदा के आदिवासी अंचल में रहने वाले युवक-युवती अनोखे तरीके से अपनी शादी की रस्म अदा करते हैं. जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है जिसका नाम 'मोरगढ़ी' है. मोरगढ़ी में दिवाली के मौके पर हर साल एक अनोखा मेला लगता है. इस मेले में बड़ी तादाद में अदिवासी युवक-युवती शामिल होते हैं.

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ठठिया बाजार नाम के इस मेले में युवक और युवती अपने जीवनसाथी का चुनाव करते हैं. यहां यह परंपरा पान खिला कर होती है. पान खिलाने के साथ ही दोनों एक दूसरे के जीवनसाथी बन जाते हैं. मोरगढ़ी में वर्षों से यह परंपरा चल रही है. रविवार को भी गांव में यह मेला लगा. जहां कई युवक युवतियों ने एक दूसरे को पान खिलाकर अपना जीवनसाथी चुना.

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एक निजी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक खिरकिया ब्लॉक के आदिवासी गांव मोरगढ़ी में रविवार को ठठिया बाजार मेले में आदिवासी समाज की कोरकू और गोंड जनजाति के युवक यिवती शामिल हुए. मेला घूमने के बाद यहां युवक युवतियों ने पान खिला कर अपना जीवन साथी चुना. पान खिलाने के साथ ही शादी की घोषणा कर दी जाती थी.

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जिसके बाद दोनों अपने घर के लिए रवाना हो जाते हैं. शादी की सूचना लड़की के घर वालों को पहुंचा दी जाती थी. आदिवासी मान्यता है कि बाजार में आई युवती अपनी पसंद के युवक से प्रेम का इजहार करती है. इसके बाद दोनों एक दूसरे को पान खिलाते हैं. इसके बादा बाजार से ही जीवनसाछी बने आदिवासी युवक-युवती घर चले जाते हैं. लड़की के परिजनों को इसके बाद यह खबर पहुंचा दी जाती है कि वह अपने बेटी की खोजबीन न करें.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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