ग्वालियर में अब बंदूक के लाइसेंस के लिए लगाने होंगे 10 पेड़, करना पड़ेगा ये भी काम

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पर्यावरण संरक्षण में आम आदमी की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अभिनव नवाचार किया गया है.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पर्यावरण संरक्षण में आम आदमी की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अभिनव नवाचार किया गया है.

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Dalchand Kumar
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ग्वालियर में अब बंदूक के लाइसेंस के लिए लगाने होंगे 10 पेड़, करना पड़ेगा ये भी काम

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पर्यावरण संरक्षण में आम आदमी की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए अभिनव नवाचार किया गया है. यहां अब जिसे भी बंदूक का लाइसेंस चाहिए, उसे कम से कम 10 पेड़ लगाने होंगे और उनकी देखभाल भी करनी होगी. ग्वालियर-चंबल वह इलाका है, जहां लोगों के लिए बंदूक स्टेटस सिंबल है. यही कारण है कि ग्वालियर जिले में बंदूकों के कई हजार आवेदन लंबित हैं. यहां 30 हजार से ज्यादा लोगों के पास शस्त्र लाइसेंस हैं. 

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लोगों की बंदूक व रिवाल्वर के लाइसेंस की चाहत सामने आने पर जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने अभिवन नवाचार अपनाया और तय किया कि अब जो व्यक्ति 10 पेड़ लगाएगा और उसकी एक माह तक देखभाल करेगा, उसे ही बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा. कुल मिलाकर लाइसेंस के लिए पेड़ लगाने की शर्त अनिवार्य कर दी गई है.

जिलाधिकारी चौधरी ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, 'अब बंदूक का लायसेंस चाहने वालों को अपने घर के आसपास 10 पेड़ लगाने होंगे. उनकी देखभाल करनी होगी और एक माह बाद उन पेड़ों के साथ सेल्फी देनी होगी. इतना ही नहीं पौधा लगा है या नहीं और उसकी देखभाल हो रही है या नहीं, इसकी रपट इलाके का पटवारी देगा.' 

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चौधरी ने उन लोगों के लिए खास इंतजाम किए हैं, जिनके घर के पास पेड़ लगाने के लिए जमीन नहीं है. प्रशासन ने इसके लिए स्थान चिन्हित कर दिए हैं और वहां जाकर पेड़ लगाना होगा तथा उनकी देखभाल करनी होगी. 

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