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ग्वालियर में बलात्कार के दोषी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

ग्वालियर जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुई एक बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई.

Updated on: 08 May 2019, 11:57 PM

highlights

  • 2017 में बलात्कार के केस में गिरफ्तार किया गया था
  • सात साल की चचेरी बहन से किया था बलात्कार
  • कोर्ट ने कहा ऐसे लोग समाज के लिए कलंक

नई दिल्ली:

ग्वालियर जिले के पनिहार इलाके में 2 साल पहले हुई एक बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी चचेरे भाई को दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई. ग्वालियर जिले के पनिहार थाना क्षेत्र के नयागांव इलाके में रहने वाली एक बालिका जिसकी उम्र साढे़ सात साल थी वह 4 जुलाई 2017 को पास के ही स्कूल में पढ़ने गई थी लेकिन बालिका जब देर शाम तक नहीं लौटी तो उसके परिवार ने खोजबीन शुरू की. अगले दिन 5 जुलाई को बालिका का क्षत-विक्षत शव एक पाटौर के बाहर पड़ा मिला. बालिका का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई.

घटना से पहले मासूम को आखरी वक्त रामसेवक नामक ग्रामीण ने उसे चचेरे भाई मनोज प्रजापति के साथ देखा था. जब पुलिस ने मनोज प्रजापति से पूछताछ शुरू की तो वह हड़बड़ा गया. कड़ाई से पूछताछ करने पर मनोज ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. पनिहार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से वह जेल में है.
फैसला सुनाते समय ग्वालियर ज़िला न्यायालय ने कहा है कि समाज में इस तरह के घिनौने अपराध में आरोपी किसी भी तरह के रहम का हकदार नहीं है. न्यायालय ने उसे अपहरण बलात्कार पास्को एक्ट और हत्या में यह सजा सुनाई है. सजा सुनाते वक्त आरोपी की मां की अदालत में मौजूद थी लेकिन उसे भरोसा ही नहीं हो रहा कि उसका बेटा ऐसा कृत्य कर सकता है.

दरअसल बुधवार को मनोज को जेल से न्यायालय लाया गया था. एडीजे कोर्ट ने मनोज के खिलाफ अपहरण, बलात्कार, साक्ष्य छुपाने और हत्या करने जैसे अपराधों को सिद्ध पाया और उसे हत्या तथा बलात्कार में मृत्युदंड साक्ष्य छुपाने और पास्को एक्ट में 10 और 7 साल की सजा के साथ ही ₹2000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई.