Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पहली ही बारिश ने नगर निगम की लापरवाही की पोल खोल दी है. शहर की प्रमुख सड़कों में शुमार माधवराव सिंधिया मार्ग पर बारिश के बाद सड़क धंस गई है, जिससे आने-जाने वाले लोगों की जान खतरे में पड़ गई है. हैरानी की बात यह है कि यह सड़क महज एक हफ्ता पहले ही तैयार की गई थी.
ये है पूरा मामला
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस मार्ग पर लंबे समय से सीवर लाइन का काम चल रहा था. काम पूरा होने के बाद कुछ ही दिन पहले इसे नया बनाया गया, लेकिन पहली बारिश ने ही निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल दी. सड़क के बीचोबीच करीब 4 फीट गहरा गड्ढा बन गया है, जिससे वहां से गुजर रही गाड़ियां फंसने लगी हैं. इसके अलावा नगर निगम पर भी स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का नतीजा है. नाम बड़े-बड़े मार्गों को दिए जाते हैं कभी राजपथ, कभी माधवराव सिंधिया मार्ग लेकिन हालात जमीनी सच्चाई को बयां करते हैं.
स्थानीय लोगों ने बतायी परेशानी
मौके पर पहुंचे कुछ लोग बताते हैं कि निर्माण कार्य सिर्फ 'फॉर्मेलिटी” की तरह किया गया है. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "ना मैं कांग्रेस का हूं, ना बीजेपी का, लेकिन जो सच्चाई है, वो सबके सामने है. नगर निगम ने केवल खानापूर्ति की है. पहली बारिश में ही सड़क की ये हालत हो गई है.'
हो सकता है बड़ा हादसा
गौर करने वाली बात यह है कि यह सिर्फ माधवराव सिंधिया मार्ग की ही बात नहीं है. शहर के अन्य हिस्सों में भी नई बनी सड़कों की यही हालत देखने को मिल रही है. पानी जमा हो रहा है, सड़कें धंस रही हैं, और लोग डर के साए में सफर कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों की मांग है कि नगर निगम दोषी ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करे और दोबारा गुणवत्ता के साथ सड़क निर्माण कराए. अगर समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता.
पहली बारिश में ही सड़कों का यह हाल ग्वालियर की प्रशासनिक तैयारी पर सवाल खड़े करता है. अब देखना यह है कि नगर निगम इस पर क्या कदम उठाता है या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा.
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