कमलनाथ सरकार को राज्यपाल का अल्टीमेटम, कल करें बहुमत साबित, नहीं तो माना जाएगा अल्पमत

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है.

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Sushil Kumar
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kamalnath( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

मध्य प्रदेश में सियासी संकट जारी है. यह कहां तक चलेगा और कहां पर रुकेगा, कहना मुश्किल है. लेकिन कमलनाथ सरकार मुश्किल में दिख रही है. 16 मार्च यानी आज फ्लोर टेस्ट होना था, लेकिन नहीं हुआ. इसको लेकर राज्यपाल लालजी टंडन (Lalji Tandon) ने कमलनाथ सरकार (Kamalnath) को अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने पत्र जारी करते हुए कहा कि 17 मार्च को बहुमत साबित करो. अन्य़था आपको अल्पमत माना जाएगा. अपने पहले निर्देश का पालन नहीं किये जाने पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर खासे नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने फिर से एक पत्र लिखकर मंगलवार यानी 17 मार्च तक सदन में शक्ति परीक्षण करवाने एवं बहुमत सिद्ध करने के निर्देश दिए हैं.

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 सदन की कार्यवाही 26 मार्च 2020 तक स्थगित

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है. टंडन ने सोमवार को कमलनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा कि मेरे पत्र दिनांक 14 मार्च 2020 का उत्तर आपसे प्राप्त हुआ है. धन्यवाद, मुझे खेद है कि पत्र का भाव/भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है. राज्यपाल ने आगे लिखा कि मैंने अपने 14 मार्च 2020 के पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए निवेदन किया था. आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ. मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा, परन्तु आपके द्वारा सदन का विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया और सदन की कार्यवाही दिनांक 26 मार्च 2020 तक स्थगित हो गई. 

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 शक्ति परीक्षण कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की

राज्यपाल ने कहा कि आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है वह वर्तमान परिस्थितियों और तथ्यों में लागू नहीं होता है. जब यह प्रश्न उठे कि किसी सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है या नहीं, तब ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने कई निर्णयों में निर्विवादि रुप से स्थापित किया गया है कि इस प्रश्न का उत्तर अंतिम रुप से सदन में शक्ति परीक्षण के माध्यम से ही हो सकता है. उन्होंने लिखा कि यह खेद की बात है कि आपने मेरे द्वारा दी गई समयावधि में अपना बहुमत सिद्ध करने के बजाय, यह पत्र लिखकर विश्वास मत प्राप्त करने एवं विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है.

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शक्ति परीक्षण नहीं कराने के जो कारण दिये है, वे आधारहीन एवं अर्थहीन हैं

आना-कानी की है, जिसका कोई भी औचित्य एवं आधार नहीं है. आपने अपने पत्र में शक्ति परीक्षण नहीं कराने के जो कारण दिये है, वे आधारहीन एवं अर्थहीन हैं. टंडन ने अंत में पत्र में लिखा है कि अत: मेरा आपसे पुन: निवेदन है कि आप संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए कल 17 मार्च 2020 तक मध्यप्रदेश विधानसभा में शक्ति करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है.

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