मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की घोषणा के बाद पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया गया है. शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के साथ ही राज्य में ओबीसी के लिए नियत आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया है. राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को संवैधानिक अधिकार से लागू किया है, जिसमें केंद्र सरकार की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होती. इस फैसले के बाद अब राज्य में कुल आरक्षण 63 प्रतिशत हो गया है.
मध्य प्रदेश में ओबीसी के लिए इस आरक्षण को लागू होने के बाद अब सामान्य वर्ग (General Category) के लिए कुल 37 फ़ीसदी पद बच गए हैं. उदाहारण के तौर पर कुल 100 पद उपलब्ध हों, तो अनुसूचित जाति (SC) को 16, अनुसूचित जनजाति (ST) को 20 और ओबीसी (OBC) को 27 पद मिलेंगे. वहीं अनारक्षित वर्ग के लिए कुल 37 फीसदी पद ही उपलब्ध रह पाएंगे.
खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित आरक्षण को पचास फ़ीसदी रखने की सीमा तय की थी. लेकिन तमिलनाडु ने आबादी को आधार मानकर आरक्षण बढ़ाया और मध्य प्रदेश में भी तमिलनाडु की तर्ज पर ही फैसला करते हुए राज्य में कुल आरक्षण 63 फीसदी तक बढ़ा दिया है.
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गौरतलब है कि एमपी के सागर में बुधवार को सीएम कमलनाथ ने इस योजना की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करेगी.
वहीं कमलनाथ ने ये भी कहा कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों के लिये राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान भी लागू करेगी. समाज में सभी वर्गों को आगे बढ़ने के अवसर मिले इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
Source : News Nation Bureau